पृष्ठ:न्याय.pdf/२९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
अङ्क १़]
[दृश्य १
न्याय

जेम्स

[पासबुक बेटे की ओर बढ़ाकर]

तीन–पाँच–एक–और हाल का तो कोई चेक है ही नहीं। जरा वह चेकबुक निकाल तो लाओ।

[वाल्टर एक अलमारी की दराज़ खोलकर चेकबुक लाकर देता है।]

जेम्स

मुसन्नों में पाउंड पर निशान लगाते जाओ। पाँच, चौवन, सात, पाँच, अट्ठाइस, बीस, नव्वे, ग्यारह, बावन, इकहत्तर मिलते हैं न?

वाल्टर

[सिर हिलाकर]

कुछ समझ ही में नहीं आता, मैंने तो अच्छी तरह देख लिया था चार सौ से ऊपर थे।

जेम्स

लाओ मुझे तो दो।

[चेकबुक लेकर मुसन्नों को अच्छी तरह जाँचता है]

देखो तो यह नव्वे कैसा है?

२१