यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
अङ्क १़]
[दृश्य १
न्याय
[विरक्ति के साथ]
वे दफ्तर के बाहर थे।
जेम्स
तब तो पक्का शोहदा है।
वाल्टर
मेरे ख़्याल से उसे इस बार क्षमा कर देनी चाहिए।
जेम्स
जिस कमीनापन से उसने यह काम किया है, उससे तो मैं क्षमा नहीं कर सकता। वह समझे बैठा था, कि अगर बात खुल गई, तो हमारा संदेह डेविस पर होगा। यह बिलकुल इत्तिफ़ाक़ था कि चेकबुक तुम्हारी जेब में पड़ी रह गई।
वाल्टर
ज़रूर किसी क्षणिक मोह में पड़ गया था। उसको सोचने का वक्त़ नहीं मिला।
५३