पृष्ठ:पंचतन्त्र.pdf/१०३

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इस तन्त्र में—
१. उल्लू का अभिषेक
२. बड़े नाम की महिमा
३. बिल्ली का न्याय
४. धूर्तों के हथकंडे
५. बहुतों से वैर न करो
६. टूटी प्रीति जुड़े न दूजी बार
७. शरणागत को दुत्कारो नहीं
८. शरणागत के लिए आत्मोत्सर्ग
९. शत्रु का शत्रु मित्र
१०. घर का भेदी
११. चुहिया का स्वयंवर
१२. मूर्खमंडली
१३. बोलने वाली गुफा
१४. स्वार्थसिद्धि परम लक्ष्य