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काकोलूकीयम्] | [१३७ |
स्थिरजीवी—"गुप्तचरों द्वारा ही हम शत्रु के निर्बल स्थल की खोज कर सकते हैं। गुप्तचर ही राजा की आँख का काम देता है।"
स्थिरजीवी की बात सुनने के बाद मेघवर्ण ने पूछा—"श्रीमान्! यह तो बतलाइये कि कौवों और उल्लुओं का यह स्वाभाविक बैर किस कारण से है?"
तब स्थिरजीवी ने अगली कथा सुनाई—