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१५०] [पञ्चतन्त्र


इसीलिये मैं कहता हूँ कि बुद्धिमान् व्यक्ति भी छल-बल से पराजित हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त बहुत से दुर्बलों के साथ भी विरोध करना अच्छा नहीं होता। सांप ने चींटियों से विरोध किया था; बहुत होने से चींटियों ने सांप को मार डाला।

मेघवर्ण ने पूछा—"यह कैसे?"

स्थिरजीवी ने तब सांप-चींटियों की यह कथा सुनाई—