पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/१७६

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APPENDIX ILI Parallel Passages of the Paumacariu (I-XX), Ravişena's Padmacarita and Vimalasūri's Paumacariya. PC. RP. ( and/or VP.) 1(a)बमाण- मुहार-विनिग्गव, 1 वर्षमान-जिनेन्द्रोतः सोऽवमयोगणेवरम् । रामकहा-दहकमागव। 1 21. इन्वमति परिप्राप्तः सुपर्म पारिणी-मनम् ॥ (b) एह रामकह-सरि सोहन्ती, प्रभवं कमतः कीति तनोऽनुत्तरवाग्मिनम् । मागहर-देवहि बिट्ट वहन्ती। लिक्षितं तस्य संप्राप्य रवयनोऽयमुद्रतः।। पच्छह इन्दमह-मायरिएं, 1 41-42. पुणु धम्मेण गुण्णमारिएं। पुणु पहवें संसाराराएं, कित्तिहरेण अणुचरवाएं। पुषु रविसेणायरिय-पसाएं दुद्धिऍगवगाहिय कहराए ॥ 1 2 6-9. 2 जहि काहिम-अयणई दादिमाई, 2 तथा शाखामृगाननैः। गजन्ति ताई कह-मुहाई ॥ 146. संदिग्ध-कुममैर्युकः पृथुभिर्दादिमीवनः । 2 16. अहिं दला-मण्डव परियलन्ति, 3 फलखाद-पयःपान-सुखसंसुप्त-मार्गगाः । पुणु पन्थिय रस-सलिला पियन्ति ॥148. वनदेवी-प्रपाकारा द्राक्षाणां यत्र मण्डपाः ॥ 2 18. 46हित पशु रायगिहु, 4 तत्रास्ति सर्वतः कान्तं नाना राजगृहं पुरम् । X X सुमामोद-मुभग भुवनसव यौवनम् ॥ पिहिविऍ णव-जोम्वणएँ 239. सिरें सेहरुमाइरडा 149. 5 धुम्मइ व गहि मय-मिम्मलेहि। 5 (8) हसद्भिरिख शुलानी पडवानां काम्बके। गह व राहिलेहि ॥ etc. etc. 2 216-22, 15 4-8. (b) नमतीव सदा पा(मा)-पूनितादर. पादपैः ॥ etc. 2 104-10601 6 िबोसप्पिनिका गएँ, 6 अथ कालान्तरोत्पत्त्या हानि यावेजनुक्रमाद. कप्पयहाण्णा ॥ कम्पपादप-सण्डेषु शुशु कोलकरी स्थितिम् ।। उदह रयण-विसेस बिह, 874. कुरूयर उप्पण्णा॥ 1 11 9. 7 पन्दही रोहिणि या 1 13 40. 7 रोहिणीव कळावतः। 13 91. 8 1 13 5-9. 8 3 100-110. (6) बाहरण-रिडि पर मार-मेत। 113 5b. (a) मसितोपल-दामानि केवलं भारमात्रकम् । 3 1006. X 1. The passages in the right head oolaca are taken from RP. uglow in diosted otherwise,