10 MORATE मजहों मग्णु मह मिन्यु, 83 (6) मत्र कथित् पराधीनो निरकारागों कार1210 3b. लोक मृत्खत्वमागतः18265a. (b) इव तय समुत्तका बुद्धिवैराग्यकारणम् । 3 263a. बाह देव ज साँउम्मोहिर । 2 10 4b. 34 (a) साधु नाथावबुद्ध ते । 3 269a. (6) तस प्रवस्य खयमेव । 3 272a. 35 सिविया-जाणे सुश्वर-सारड, 35 सुरनाथापितस्कन्धा xxx xxxचडिट भडार भारुख शिविका नायः॥3278. देहि सन्देवि चार ॥2111-2. 36 'मह परम-सिदाण' भणन्तें। 2 114a. 36 नमः सिद्धेभ्य इत्युक्त्वा । 8 282a. VP. सिद्धान नमुकार कारण। 3136a. 37 चामीवर-परलोबरें पवियर। 37 रनपटे केशान् प्रतिपद्य सुराधिपः गोवि गण-मन-णयमाणन्दें, चिक्षेप xxोरकूमारवारिषि ॥ 3284. विचरबीर-समुरें सुरिन्दें ॥2 11 56-6. VP. बजाउहो xx केसे मणिपडलपम्मि घेत्तूर्ण xxबीरसमुहम्मि पक्खिवह ॥ 3 137. 38 सेण समाणु सख्या, 38 सहस्राणि च चत्वारि सुपाणां खामिभक्तिः। राबहँ पडसहास पब्यापा। 2117. xxxxx प्रतिपमानि नमतां ॥3286. VP. चउहि सहस्सेहि सम पत्ता जाणं परमदिक्सं। 3136b. 39 परिसुबिड कासाएं। 2 1186. 39 वर्षमात्रं स कायोत्सगंण निश्चलः । 3 287 a. 40 पशुपरबगर,रिसहही रेहन्ति विसालट, 40 वातोबूता जटास्तस्य रेजुराकुलमूर्तयः । सिहि वसन्तहाँ णाई, धूमाउल-मालामाकर धूमात्यः इव सख्यानवविश(स)कस्य कर्मणः ।। 2119. 3288. 41अचल। 2121a. 41 निबलः । 3 287 a. 42 दारुण-पुस्खाएं लाया। 2 122b. 42 दुःसानिलसमाहताः। 3 290a, 43 केण-विमहिवलें पत्तिउनपर। 2126b. 48 केचिनिपतिता भूमी। 3 290a. 44 को-विफल, बोरेरिणुभक्खा। 2128a. 44 गताः केचित् फलाशनं । 3 291a. 45 'आ' भणेवि। 2 12 80. 45 (8) उर्फ 'प्रजामः'। 3 802a. (b) प्रजामः। 3 301a. 46 परवी वाणी समुट्टिय नम्बरे। 2 13 16. 46 विचेहर्गगने बाचोxxx सुधाभुजाम् । 8 2946. VP. भम्बरतलम्मि घुटुं। 3 1426. 47 हिमवसर जमि-विणमि पराइय। 47 VP.तापय संपत्ताणमि-विणमि।3143a. 2 13 6b. 48 पुषियपरणिधरेण, विग्णि वि xxxi 48 VP. भह भणइ नागराया भो भो तुम्हेत्य थिय कारण, उत्साय करवाहित्या। निमित्रोण पसिलाष्ट्रपहियहत्या xx ठिया 2 14 9. 3147. 2 16 2-5a, 49 (a) 4 8–9. (b) डोष। 2 16 5a. (b) डोकितवान। 4 8b.
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