पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/१८१

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PADUADARIU. 6 गणहर गरमापर-साह 58 5a. 64 नवतिः गणेशाःxसाधूनाx। 578. 65 (6) पेपि माणत्यम्मु जिणिन्वहों, 65 प्रभामण्डलमेवासो रहा दूरे जिनोमय । मशहमाशु विगकिरणरिन्दहों सर्व गर्व परित्यज्य प्रणमाम xx॥594 (b) खो विगम्पि समसरणु पइड, VP पेच्छा तमतिमिरहई जिणस्स भामण्डले बिनु पणपिणुपुर जिविहर। 57 8-9. दिछ । मोतूण नियवगxx ॥ तत्व संनिबिडो नचास समोधरणे ॥5796-80.. 66 विवि-मिxxबई परिहरियई। 57 10b. 66 मुकरो। 5 950. 67 मीम-सुमीमहि । 5 7 lla, 67 मीम-मुभीमौ। 5 149a. 68 (8) पुष-भवन्तर-गेहें। 57 118. 68 जन्मान्तरसुतप्रीत्या । 5 1620, (b) पहुँमामग्ण-मवन्तरे णन्पश। 58 16. 69 कामुकविमाणु । 583a, 69 विमानं कामर्ग नाम । 5 1676. 70 हस्पतिय विकास गरें। 583b. 70 (a) राक्षसी विद्या । 5 167a. (b) ददावसे हारम् । 5 161a. 71 पुष्पइसार। 5 8 4b. 71 अत्यन्तदुष्प्रवेशः। 5 155b. 72 वीस परम-जोपण-वित्पिण्णी, 72 त्रिंशद्योजन-मानाषः सर्वतःxxx बहाणपरि तुम मई दिग्णी॥ 585. लहेति नगरी। 5158. 73 अणु-बि एम्बार बोयण, 73 षयोजनीगतंxxx अनहारोदयामिख्यम्॥ का पाचालकावणवाहण॥ 586. 5 1630.-164, VP. पायालछारपुर xxx से। दिन छब्बोयणमवगाई॥5182. 74 बिमळकित्ति-विमझामक-मन्तिर्हि परिमिट । 74 विमलामलकान्त्याचा: xxहितोसौ। 5 8 8. 5 169a; 170a 75 हाउरि पाहु। 5 8 9a. 75 प्रविष्टो नगरी लाम् ॥ 5 177a. 76 परेका XXX, 76 वन्दनायान्यदा यातोऽजित तोयदवाहनः । भजिवजिणहोंगर बन्दणहत्तिएँ। 5 9 1. 5 1840. 77 (a)कर होसन्ति भवन्हें कालें। 77 भवद्विधजिनेश्वराःxx भविष्यन्त्यपरे कति । तुम्हें जेहा। 5936-4a. कति वा समतिकान्ताः॥5186-187a. (b) तित्ववर देव महकाता। 5 94b. 78 मागहमास' कहा भवार। 59 56. 78 भाषाऽर्धमागधी तस्य भाषमाणस्य 5190a 794जोरमण्ड-पहाण, 79 (a) एकस्त्वत्सरशोऽतीतबक्रवितश्रियः पतिः। माह-माहिर जिराणा ।। भवानेको अनियन्ति दचापरे।। 5221. पाँविणुस होसन्ति गरेसर, (b) वासुदेवा भविष्यन्ति नब सा प्रतीश्वरैः। जावळएवणव जिणारायण, बलदेवाब तावन्तः॥ 5 225. xxxxणव विदसागण॥ 597-9. 80 स-चरणसएण, भरहु जेम मिक्सतर। 80 (8) प्रावजत् सः । 5 2996 5911. (b) दशाधिक शतं तेन साकं खेचरभोगिना xxxनिष्कान्तं। 5 240, 81 सहि सहास पर पहुँ। 5 104a. 81 पुत्राणां विनता शक्तिमुत्तमा जाताः षष्टिसहसाणां॥ 5248.