पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२२५

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पडमचरित [क०१४,१-९,१५,१-१ [१४] तो ऐत्यन्तरें माणव-वेसें आइउ देविउ इन्दाएसें ॥१ ससि-वयणि कन्दोट्ट-दलच्छिउँ कित्ति-वुद्धि-सिरि-हिरि-दिहि-लच्छिउ ॥२ सप्परिवारउ दुक्कउ तेत्तहें सा मरुएवि भडारी जेत्तहे ॥३ का वि विणोउ किं पि उप्पायइ पढइ पणच्चइ गायइ वायई॥४ का वि देइ तम्बोलु स-हत्थे सबाहरणु का वि सहुँ" वत्थे ॥५ पाडइ का वि चमरु कम धोवई का वि समुज्जलु दप्पणु ढोवई ॥६ उक्खय-खग्ग का वि परिरक्खई का वि किं पि अक्खाणउ अक्खइ॥७ का वि जक्खकद्दमेंण पसाहइ की वि सरीरु ताहे" संवाहइ ॥ ८ ॥ घत्ता ॥ वर-पल पसुत्तियएँ सुविणावलि दिट्ठी। तीस पक्ख पहु-पङ्गणएँ वसुहार वरिट्ठी ॥९ • दीसइ मयगलु मय-गिल्ल-गण्डु दीसइ वसहुक्खयं-कमल-सण्डु ॥ १ ॥ दीसइ पञ्चमुहुँ पईहरच्छि दीसइ णव-कमलारूढ लच्छि ॥ २ दीसइ गन्धुक्कडं-कुसुम-दामु दीसइ छण-यन्दु मणोहिरामु ॥ दीसइ दिणयरु कर-पजलन्तु दीसइ झस-जुयलु परिब्भमन्र्तुं ॥४ दीसइ जल-मङ्गल-कलसु वण्णु दीसइ कमलायर कमल-छण्णु ॥ ५ दीसइ जलणिहि गजिय-जलोहु दीसइ सिंहासणु दिण्ण-सोहु ॥ ६ ० दीसइ विमाणु घण्टालि-मुहलु दीसइ णागालउँ सङ्घ धवलु ॥ ७ दीसइ मणि-णियरु परिप्फुरन्तु दीसइ धूमद्धउ धगधगन्तुं ॥८ ॥ घत्ता॥ इय सुविणावलि सुन्दरिऍ मरुदेविऍ" दीसई । गम्पिणु णाहि-णराहिवहों सुविहाणऍ" सीसइ ॥९ 14. 11 इत्थंतरि. 2 $ आउ. 3 s. missing. 4 P इंदोएसिं. 5 Ps ससिवयणड, A ससिवयणिउं. 6 5 कंदुजललच्छिउ. 7 P तेतहि, s तेत्तहिं. 8 P जेत्तहि, s जेत्तहि. 9s रुयइ. 10 15 तंमोलु. 11 8 सव्वाहरण, 12 PS सहु. 13 $ वत्थे. 14 P केय, s पय. 15 P विरवइ. 16 A ढोयइ. 17 P उखय. 18 PS पडिरक्खइ. 19 A अक्खाणउं अक्खइं. 20 s क. 21 PS देविहे. 22 15 °पल्लंक. 23 ! पसुत्तियइ, 5 पसुत्तियइं. 24 A सुइणावलि. 15. 1 17 °गिल्लु. 25 वसुहुक्खय°, A वसहु उक्खय. 3 , पंचमुहूं, A पंचमुह. 4 75 गंधकुडु. 51 °इंदु. 6 परिभमंतु, A परिभमंतु. 7 s कलस. 8 P corrected to बत्तु. 9 5 °छत्तु. 10 1' नागालउं. 11 A सम्व. 12 1 परिफुरंतु. 13 1' धयधयंतु. 14 A सिविणावलि. 15 rs मरुएविए. 16 A दीसई. 17 Ps सुविहाणइ, A सुबिहाणई. [१४] १ (P.'s reading) कच विरोलति (!).