पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२३३

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२० 15 पउमचरिउ [क० ११,७-९, १२, १-९,१३,१-१ तेण समाणु सणेहें" लइयों रायहँ चउ महास पवइया ॥७ परिमिउ ससि जिह गह-संघाएं अडु वरिसु थिउ काओसाएं ॥ ८ ॥ घत्ता॥ पवणुडुयउँ जडाउ रिसहहाँ रेहन्ति विसाला । सिहिह" वलन्तहों णाई धूमाउल-जाला-मालउँ ॥९ [१२] जिणु अविउलु अविचलु वीसत्थर विउ छम्मासु पलम्बिय-हत्थउ ॥ १ जे णिव तेण समउ पवइया ते दारुण-दुवाएं लइया ॥२ सीउण्डहिँ तिम-भुक्खहि खामिय जिम्भण-णिद्दालसेंहिँ विणामियं ॥ ३ " चालण-कण्डुयण. अलहन्ता अहि-विच्छिय-परिवेढिजन्ता ॥ ४ घोर-वीर-तव-चरणहिँ" भग्गा णासेवि मलिलु पिएवऍ" लग्गा॥५ केण वि महियले" घत्तिउ अप्पर "हो हो केण दिऐ परमप्पर ॥६ पाण जन्ति जइ एण णिओएं" तो किर तेण काई" परलोएं ॥ ७ को वि फलई" तोडेप्पिणु भक्खई 'जाहुँ'भणेवि को वि काणेक्खई।८ ॥ घत्ता॥ को वि णिवारइ कि पि आमेल्लेवि चलण जिणिन्दहों। 'कल्लएँ देसहुँ" काइँ" पञ्चुत्तर भरह-णरिन्दहो॥९ [१३] तहिं तेहएँ पडिवन्नएँ अवसरे दइवी वाणि समुट्ठिय अम्बरे ॥१ 10 'अहो अहो कूड-कवड-णिग्गन्थहों कापुरिसहों अणायं-परमत्थहीं ॥२ एण महारिसि-लिङ्ग-गहणे जाइ-जरा-मरण-त्तय-डहणे ॥३ 'फलइँ म तोडहाँ जलु मा डोहहाँ णं तो णीसङ्गत्तणु छण्डहों'॥४ 17 1s सणेहिं. 18 लईआ. 19 : रायह. 20 " पवईआ. 1 P काउसाएं, ७ काउसायं. 2215 पवण यउ. 13 विसलइ. 24 सिहिहि, A सिहेहे. 25 PS णाइ. 2G A °मालउं. 12. 1" अचलु वि. सिवसस्थउ.3s छम्मास. 4 PS विलं विय. 5Ps सीउण्हहिं, A सीउन्हेहिं. 6 °भुक्खहि, भुक्खहि. 7 8 खामिया, A खाविय. 8 5 विणामिया, A विणाविय. 9 2 °कुंडुयणई, s कंडयणई, A °कंडुयणइ. 10 s विच्छिय. 11 P°चरणं. 125 णासवि सलिल पिएवय लग्गा. 13 पिएवय. 14 Ps महियलि. 15 A भो भो दिद्गु केग परमप्पउ. 16 " णिउएं. 17 A काइ. 18 5 परलोयं. 19 SA फलह. 205 तक्खइ. 21 SA जाहु. 225 कोइ. 23 P काणेरक्वइ, : काणेक्खई. 24 1A आमेल्लिवि, आमिसिवि. 255 जिणंदहो. 2G कलइ.27 1 देसहु, वेसमि. 28 P काइ. 13. 115 तहि.2 । तेहय. 3 8 पडिवण्णइ. 4 PS कवडकूड. 5A कप्पुरिसहो. 6 s अण्णाय. 7 PS जलइ म डोहहो फलइ म तोडहो. 8 A तोहु.