पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३०२

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10 ....-108,1-९१०,.] इसमो संधि तं णिसुणेवि रोसिउँ णिसियरिन्दु 'कहों तणउ धणेउ कहों तणेउ इन्दु ॥७ अवलोहउँ मीसणु चन्दहासु पडिवक्लै-पक्र-खय-कालचासु ॥८ 'पई पढमु करेप्पिणु वलि-विहाणु पुणु पच्छऍ धणयहाँ मलमि माणु' ॥९ सिरु णावेंवि" वुत्तु विहीसणेण 'विणिवाइएण दूवेणे एण ॥ १० ॥ धत्ता॥ परिभमैइ अयसु पर-मण्डलेंहि तुम्हहँ एउ ण छजैइ । जुन्झन्तउ हरिण-उलेहि सहुँ किं पञ्चमुँहु ण लजई'॥ ११ [९] णीसारिउ दूउ पण? केम केसरि-कम-चुकु कुरङ्गु जेम ॥१ एत्तहें वि दसाणणु विप्फुरन्तु सण्णहेवि विणिग्गउ जिहँ कयन्तु ॥२ णीसरिउ विहीसणु भाणुकण्णु रयणासउ मउ मारिचुअण्णु ॥ ३ णीसरिउ सहोवंरु मल्लवन्तु इन्दइ घणवाहणु सिसु वि होन्तु ॥४ हउँ तूरु पयाणउँ दिण्णु जाम दूएण वि धणयहाँ कहिउ ताम ॥५ 'मालिहें पासिउ एयहाँ मरटु उक्खन्धु देवि अणु वि पय९॥६ वयणु सुर्णेवि सम्णहेवि जक्खु णीसरिउ णाइँ सइँ दससयक्खु ॥७ थिउ उडेवि" गिरि-गुञ्जक्खें जाम तं जाउहाणं-वलु दुक्कु ताम ॥ ८ ॥ घत्ता॥ हय समर-तूर किय-कलयलई अमरिस-रहस-विसट्टई। वइसवण-दसाणण-साहणइँ विण्णि वि" रणे अन्भिट्टई ॥९ [१०] केण वि सुन्दर सु-रमणे सु-सेव आलिङ्गिय गय-घड वेस जेवं ॥ १ 20 A णिसिउ गिसियरिंदु. 21 P धणउं. 234 तणउं. 23 5 4 अवलोयउ. 24 P परिपक्स. 25 8 missing. 26 ' s पच्छह, A पच्छले. 27 Aणावि. 28 P$ दूपुण. 29 A परिममई. 30A परमंडलहि. 31 A जुजइ. 32 P A पंचमुहूं. 9. 1A दसासणु. 25 जहि. 3 PS मारिच, A मारिदि. 4 महोयरु. 5 PM दर. 6 A पयाणउं. 7 8 अणु. 8 संगहें घि, s संगहिवि. 9 s गाइ सइ. 10 P सहस्सवक्त, सहसयक्खु. 11 PS उडिवि, A डिवि. 12 P गुंजखे, A कुंजक्खि. 18 P जावुहाण. 14 कब. 158 समरिसु. 16 A व. 17 P भाभिहइ, मठिमइ. 10. 1PS सुरमणु, A सुगमण. 2 PS जेम. करे दूत. ७ न शोभते. ८ मृगकुलैः सह. [९] १ वैरम्. [१०] १ सुरतव्यापारचित्तः. पउ० चरि० 12 15