पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३०३

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!! पडमचरित [क.१०,२-९,111-९ स वि कासु वि उरयलें वेन्झु देइ णं विवरिय-सुरएं हियउ लेई ॥२ केण वि आवाहिउ मण्डलग्गु करि-सिरु णिवर्टेवि महिहिँ लग्गु ॥३ केणा वि कासु वि गय-घाउ दिण्णु किउ सरहु स-सारहि चुण्णु चुण्णु ॥४ केण विकासु वि उरु सरहिं भरिउ लक्खिजइ णं रोमञ्च धरिउ ॥५

केण वि कासु वि रणे" मुक्कु चक्कु थिउ हियएँ धरैवि" णं पिसुण-कुं ॥६

एत्यन्तरे धणएं ण किउ खेउ हक्कारिउ आहवे कईकसेउ ॥ ७ 'लइ सुन्झु जुज्झु एत्तडउ कालु ढुक्को सि सीह-दन्तन्तरालु' ॥८ ॥ घत्ता॥ तं णिसुणेवि रावणु कुइय-मणु वइसवणहों आलग्गउ । कर उन्भेवि गजेंवि" गुलगुलेवि णं गयवरहाँ महग्गउ ॥९ [११] अम्बुहर-लील-संदरिसणेण सर-मण्डउ किउ तहिँ दस-सिरेण ॥१ विणिवारिउ दिणयर-कर-णिहाउ णिसि दिवसु किं' ति सन्देहु जाउ ॥ २ सन्दणे हऍ गएँ धय-चिन्धे छत्ते जम्पाणे विमाणे णरिन्द-गत्ते ॥ ३ । थरथरहरन्त सर लग्ग केम धणवन्तएँ माणुसें पिसुण जेम ॥ ४

जक्षेण वि हय वाणहिँ वाण मुणिवरेण कसाय व ढुक्कमाण ॥५

धणु पाडिउ पाडिउ छत्त-दण्डु दहमुह-रहु किउ सय-खण्ड-खण्डु ॥६ अण्णेणं चडेप्पिणु भिडिउ राउ णं गिरि-संघायहाँ कुलिस-घाउ ॥ ७ हउ धणउ भिण्डिवालेणं उरसें ओणल्लु भाणु ल्हसिऍ" व दिवसें ८ ॥ घत्ता॥ "णिउ णिय-सामन्तेहिं वइसवणु विजउँ दसाणणे घुट्ठउ । 'कहिँ जाहि" पावे जीवन्तु महुँ' कुम्भयण्णु आरुट्ठउ ॥९ 3 s उरयलु, A उरपडे. 11 वेज, विजु, A विज्झु. 5 P विवरिउ. 6 ' सुरएहि, s सुरयं. 7 P आउंलेइ. 81 णिवइ, s णिव्वइ, A णिवट्टिवि. 9 5 दिण्णु. 10 PS ससारहु. 11 P उर. 12 P S सरहु. 13 Ps णरे, A रेण. 14 A चकु मुकु. 15 Ps धरेप्पिणु. 16 A चकु. 17 1' इत्थंतरे, 5 इत्थंतरि, A एत्थंतरि. 18 PS धणयं. 19 A जुन्छ . 20 18. 21 P s fala, a missing. 11. 1A रणे. 21.5 कित्ति, A किंत. 3 PS सर थरहरन्त सय. 4 Ps केव.5P भणवत्तप, धणवत्तए. 65 पिसुणु. 7 1 जेव, 8 जेम्ब, 85 टुकुमाण. 9 A अनन. 10 5 °सिरघायहो. 11 A कुलिसंधाउ. 12 PS डिभिवालेण. 13 उणल्लु. 14 s हसिसिय. 15A नियनियसामतेहिं. 16A विजउ व. 17 जाइ corrected to जाहि, A माइ. 18 पाउ. 19 मुहूं. २ खगः. ३ वाक्यः (१). ४ रावणः. [११] १ मेघः. २ अवष्टम्भितो भूमौ. 20 "