पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३०९

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पउमचरिउ [१०८,९,९,१-९,१०,- 15 ॥ घत्ता॥ चन्दहासु करयलें करेंवि स-विमाणु स-वलु संचल्लियउ । महि लहेप्पिणु मयरहरु आयासहों णं उत्थलियउ॥९ [9] कोवे-दवग्गि-पलित्तु पधाइउ *णिविसें तं जम-णयर पराइ ॥१ पेक्खई सत्त णरय अइ-रउरव उट्ठिय-वारवार-हाहारव ॥ २ पेक्खइ णइ वइतरणि वहन्ती रस-चस-सोणिय-सलिलु वहन्ती ॥ ३ पेक्खइ गय-पय-पेल्लिज्जन्त. सुहड-सिरइँ टसत्ति भिज्जन्तइँ॥४ पेक्खइ णर-मिहुणई कन्दन्तइँ सम्बलि-रुक्ख धराविजन्तई । ५ » पेक्खइ अण्ण-जीव छिजन्तइँ छणछण-सद्दे पउलिजन्तइँ॥६ कुम्भीपाके के वि" पञ्चन्ता एव" विविह-दुक्खइँ पावन्ता ॥ ७ सयल विमम्भीसेवि मेल्लाविय जर्मउरि-रक्खवाल घल्लावियं ॥८ ॥घत्ता ॥ कहिउ कियन्तहाँ किङ्करेंहिँ" 'वइतरणि भग्ग णासिय णरय । विद्धंसिउ असिपत्त-वणु छोडाविय णरवर-वन्दि-सय ॥९ [१०] अच्छइ एउ देव पारकर मत्त-गइन्द-विन्दु णं थक्कउ' ॥ १ तं णिसुणेवि कुविउ जमराणउ 'केण जियन्तु चत्तु अप्पाणउँ ॥२ कासु कियन्त-मित्तु मणि रुहिउँ कासु कालु आसण्णु परिट्ठिउ ॥ ३ " में णर-वन्दि-विन्दु छोडाविउ असिपत्त-वणु अण्णु मोडाविउ ॥४ सत्त वि णरय जेण विद्धंसिय में वइतरणि वहति विणासिय ॥ ५ तहों दरिसावमि अजु जमत्तणु' एम भणेवि" णीसरिउ स-साहणु ॥ ६ महिसासणु दण्डुग्गय-पहरणु कसण-देहु गुञ्जाहल-लोयणु ॥ ७ केत्तिउ भीसणत्तु वणिजइ 'मि वुत्तु पुणु कहाँ उवमिन्जइ ॥ ८ 21 PS सविवाणु.22A संचल्लउ. 23 A उस्थलिउ. 9. 1 Ps कोह. 2 पधायउ, A पधाविउ. 3 P णिवसं, A णिविसिं. 4s परापड. 55 पेषइ. 6 A तरणि. 74 वीसढवंती. 1 P पेल्लिजंतए, SA पेल्लिजंतइ.9 s सत्तिहि. 10 P भिजतए, A भेजंत्तइं.J1 P धराविजत्तई, धराविजत्तइ. 12 Pणयरि, णयरे. 13 s मपंता. 14 PS एवविहई. 15A मेलाविय. 1GA जमपरि. 17 पेल्लाविय. 18 A कयंतहो. 19 s ककरहिं, A विकारिहिं. 20 " "यणु corrected to वणु, °यणु 10. 15 गयंविंदु. जमराणउं. 3 P A अपाणउं. 4 " कयंत. 55 रुटुउ, 4 रुबउ GA जे. 7 Sणरवंदिवंदु, A नरविंदवंदि. ४ असिपवणु. 9 A जेण. 10 s एव. 11 PS A भणिवि. 1: महिसारूदुदंडगय'. 13 3 कसणु देव गुंजाहलु लोयणु, 14 A मित्तु. [१०] १ मृत्युः.