पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३०८

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क०७,५-९,651-८] एगारहमो संधि 09 $ हत्थि-वियारणाउ एयारह अण्णउ किरियउ वीस दु-वारहं ॥ १ दरिसेंवि किउ णिप्फन्दु महा-गंउ धुत्तें वेस-मर१ व भग्गउ ॥ २ साहिउ मोक्खं व परम-जिणिन्दें" 'होउ होउ' णं रडिउ गइन्हें ॥ ३ 'भले भलें' पभणिउ चलj समप्पिउ 'तेण वि वाममुहें चप्पिउँ ॥ ४ कणे धरेंवि आरूढुं महाइ करेंवि वियारण अङ्कुसु लाइउँ ॥ ५ तेण विमाण-जाण-आणन्दें मेलिउ कुसुम-वासु सुर-विन्दें"॥६ णच्चिउ कुम्भयण्णु स-विहीसणु हत्थु पहत्थु वि मैउ सुयसारणु ॥ मल्लवन्तु मारिनु महोयरु रयणासउ सुमालि वज्जोयरु ॥८ ॥घत्ता॥ हरिस-रसेणे करम्वियर वीर-रसु जेण मणे भावियउ । तहिं रावण-णट्टावऍण सो णाहिँ जो ण णच्चावियां ॥९ [८] तिजगविहूसणु णामु पगासिउ णिउ तहिं 'सिमिरु जेत्थु आवासिउ ॥१ थिउ सहसा करि-कह-अणुराइड तहिं अवमरे भडु एकु पराइउँ ॥२ पहर-विहुरु रुहिरोलिय-गत्तर णरवइ तेण णवैवि' विण्णत्तउ ॥ ३ 'देव देव किक्किन्धंहों तणऍहिँ सबल-फलिह-सूल-हल-कणऍहिं ॥४ असिवर-झस-मुसण्डि-णाराऍहिँ चक्क-कोन्त-गय-मोग्गर-घाहिँ ॥५ जमु आरोडिउँ भग्गा तेण वि धरेंवि ण सकिउ विहि" एक्कण वि ॥६ पञ्चेलिउँ णिलूरिय वाणेहिँ कह वि कह वि णउ मेलिउ पाणेहि ॥ ७॥ तं णिसुणेवि कुइउँ रक्खद्धर हय संगाम-भेरि सण्णद्धउ ॥८ 7. 1 7 पायारहं. 21 दुवारहं. 8 1 5 दरिसवि. • 1 णिप्पंदु, विष्फंदु. 5A माहागठ. 64 धुसे. 7 °मरटु. 8 5 मोपु. 9 1 परमु. 10 15 जिणद, A जिणिद. 11 A गइंदे. 124 भलि २ पभणिउं. 13 A चलग. 14 s वामगुंह, । वामगुडे. 15 5 चंप्पिउ. 16 मारुढ. 17 s महायउ. 18 A वियारणु. 19 लाविउ, S लायउ. 20 A वाण. 21 वद, विदे. 221 मओ सु बि सारणु. 28 F S मारिश्चसहोयरु. 21 °रसेणि. 25 " णाहि. 26 Pणचाइअउ. 8. 1 Ps गाउ. 2 P जेत्थु सिमरे, जेस्थु समरे. 3 5 °अणुरायउ. 4 A इकु. 5s परापउ 6 P"रोलिय. 7rs णवेविणु वुत्तउ. 8 P कि किंधहो, A किक्विधेहिं. 9 5 तणयहिं. 10 कणयहिं. 11 A मुंमुंढि. 12 8 °गारायहिं. 135 चक्कक्क. 14 P 9 °घायहिं. 15 PS भारोडिवि. 16 A विहिं. 17 SA इक्केण. 18 P पंचल्लिय, पञ्चलिय. 19 1 पाणिहिं, 5 पाणेहि. 15 20s कुपउ. [७] १ पूर्यतां पूर्यताम्. २ रावणेण. ३ शुकसारणमन्त्री. [८] १ कटके. २ बाणः. ३ रावणः,