पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३१८

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२०५ 3 ॥ घत्ता ॥ 10 ..1,1-981,1-10] बारहमो संधि [११] महु तण सीसु पुणु दुण्णमंउ जिह मोक्ख-सिहरु सधुत्तमउ ॥१ पणवेप्पिणु तिल्लोकाहिवइ सामण्णहों अण्णहों ण णवई ॥२ महु तणिय पिहिवि तुहुँ भुञ्जि पहुं रिज्झउ कइ-जाउहाण-णिवहु ॥ ३ अण्णु मिजो पइँ उवया किउ तायहों कारणे जमराउ जिउ ॥४ सहों मइँ किय पडिउवयारं-किय आवग्गी भुञ्जहि राय-सिय ॥५ गउ एम भणेप्पिणु तुरिउ तहिं गुरु गयणचन्दु णामेण जहि ॥ ६ तवचरणु लइउ तग्गय-मणेण उप्पण्ण रिद्धि तक्खणेण ॥॥७ अणुदिणु जिणन्तु इन्दिय-वइरि गउ तित्थु जेत्थु कइलास-गिरि ॥८ उप्परि चडिउ तहों अट्ठावयहों पञ्च-महावय-धारउ । अत्तावणे-सिलहँ सासय-इलहँ णं थिउ वालि भडारउ ॥ ९ [१२] एत्तहे सिरिप्पह भइणि तहों सुग्गीवें दिण्ण दसाणणों ॥१ वोलाविउँ गउ लङ्का-णयरें णल-णील विसजिय किक-पुरे ॥२ सुउ धुव-महएविहें संथविउ ससिकिरणु णियद्ध-रजें थविउ ॥३ तहिँ अवसरें उत्तर-सेढि-विहु विजाहरु णामें जलणसिहु ॥४ तहों घीयं सुतार-णाम णरेंण मग्गिजइ दससयगइ-वरेण ॥५ गुरु-वयणे तासु ण पैट्ठविय सुग्गीवहाँ णवर परिद्वविय ॥६ परिणेवि कण्ण णिय णियय-पुरु दसंसयगइहें वि विरहग्गि गुरु ॥ ७ पजलइ उप्पायइ कलमल उण्हउ ण सुहाइ ण सीयलउ॥ उन्भन्तउ कहि मि पइट्ठ वर्गी साहन्तु विज थिउ एक-मण ॥९ ॥ घत्ता ॥ ताइ मि धण-पउरें किष्किन्ध-पुरें अङ्गङ्गय वहन्त।। थियइ रयण[ ] गई वेण्णि वि जणइँ रज्जु सई भु अन्तई ॥ १० ॥ 16 20 11. 1 Panj. 2 P 8 GUAÍ, A QUAS. 3 Folio no. 34 containing the text from Altera upto grenndufa• (XIII 4,4 ) is missing in P. 48 गमइ. 5 s पिहिमि. 6 A पहुं.7 वि.8 8 उपगारु. 9 पडिउभयार'. 10A उप्पण्णउं. 11 गणंतु. 12 बजेस्य तेय. 13 4 उप्परे. 14 s °महत्वयः. 15 s आतावणे. 16 बाहुक्ली. 12. 14 सिरिप्पहं.2 SA वोल्लाविड. 3 SA °णयरि. 4A अ. 55 मंगिजह.68 परदुनिय.7 सेण वि परिणियं गिययपुरु. 8 गईहे. 9 s wanting. 10 A कलकमलउ. 118 भम्मतउ. 12 s वणे. 13 एकमणे. 14 ATाए वि. 15 sवण. 165 किम्धुि. 17 विडवाइ, पहुंदाइ. 18 s रयाण, रयण. 19 AM. 208 सयं. 21 8 मुंजताए, मुंजवाइ. पर. चरि० 14