पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३५०

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संतामो संधि पुणु पच्छले सोणिय-जल-धारउ रय-पसमणउ हुआस-णिवारंउ ॥४ 'ताहिं असेसु दिसामुहु सित्तल थिउ गहु णाई कुसुम्भऍ पितउ ॥५ अण्णउ परियत्तउ गयणङ्गहों णं घुसिणोलिउँ गह-सिरि-अङ्गहों ॥६ जाय वसुन्धार रुहिरायम्विरि सैरहस-सुहड-कवन्ध-पणचिरि"॥७ करि-सिर-भुत्ताहलेंहिँ विमीसिय सञ्ज व ताराइण पदीसिय ॥८ रह सुप्पैन्ति वहन्ति ण चकर वाहण-जाण-विमाणइ थकई॥९ 8 ॥घत्ता॥ 10 18 तेहऍ वि महारणे मेइणि-कारणे रत्ते तरन्ते तरन्ति गर । जुन्झन्ति स-मच्छर तोसिय-अच्छर णाई महण्णवें वारियर ॥१. [2] तो गजन्त-मत्त-मायङ्ग वाहणेणं । अमरिस-कुद्धएक गिवाण-साहणेणं ॥१ जाउहाण-साहणु पडिपेल्लिज णं खय-सायरेण जगु रेलिउ ॥२ णिसियर परिभमन्ति पहरण-भुअणं आवत्त-छुद्ध जल-युव ।। ३ पेक्वेवि णिय-वलु ओहहन्तउ 'सुरवगला-मुहें आवहन्तउ ॥४ पेक्लेंवि उत्थलन्तई छत्तई मत्त-गयहुँ भिजन्तइँ गत्तई ॥५ पेक्लेंवि फुडन्त रह-बीढई जाण-विमाण भैमरवगीडाँ॥६ क्वेधि हयवर पाडिजन्ता सुहड-मडप्फर साडिजन्ता ॥७ आयामेप्पिणु रह-गय-वाहणे भिडिउ पसण्णकित्ति सुर-साहणे ॥८ बाणर-पिन्धु महागय-सन्दणु चाव-विहत्थु महिन्दहों णन्दणु ॥९ ॥घत्ता ॥ पर-हम-गय तजेंवि रह-धय भङ्गेवि वूहहों मनों पड्ड किह । कम्मेंहिं विन्धन्तउ जीविउ लिन्तउ कामिणि-हियउ वियहु जिह ॥ १० 20 4SA जलशोणिय.. 5 °विवारउ, °विचारत, A निवारउ. 6 दिसाबहु. 74 रसड. BAधुलिण्डर. 9PS सरहनु सुबड कवंधु. 10 पणचिदि. 11 A मुत्ताहलवामीसिय, 12वारावर पदसिष. 18 A गुप्पंति. 14 Pण, मनवि. 3. 1PA कुदेण.2P 8 उणलंबर. 3A लिजंगई. 4 सारिजन्ता. 5 PS सुप [२] १ रुपिरधाराभिः १ जलचराः. [३] १ सेनामुखे. २ वित्तभ्रमरगृहीतानि. ३ प्रगुणीभूय, सामर्ष छत्वा वा. पउ. चरि18