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पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३७२

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6 ....१,५-10011-1010] एगुणवीसमो संधि किर गम्भु भणेवि पर-णरवरहों केउमड्ऍ घलिये कुलहरहो' ॥५ तं सुणेवि समीरणु णीसरिउ अणुसरिसेंहिँ वैयसहि परियरिउ ॥६ गर्ड तेत्थु जेत्थु तं सासुरउ किर दरिसावेसइ सा सुरउ ॥७ पिय इट्ठ ण दिट्ठ णवर तहि मि असहन्तु पहञ्जणु गउ कहि मि॥ परियत्तिय पहसियाइ-सयण दुक्खाउर आहुल्लिय-चयण ॥९ ॥ घत्ता। 'एम भणेजहु केउमइ पूरन्तु मणोरह माऍ तउ । विरह-दवाणल-दीवियर पवणञ्जय-पायवु खयहाँ ग' ॥ १० [१३] दुक्खु दुक्खु परियत्तिय सयल वि सज्जणा । गय रुयन्त णिय-णिलयहाँ उम्मण-दुम्मणा ॥१ पवणाओ वि पडिवक्स-खउ काणणु पइसरइ विसाय-रउ ॥२ पुच्छइ 'अाँ सरवर दिट्ट धण रत्तुप्पल-दल-कोमल-चलण ॥३ अों रायहंस हंसाहिवइ कहें कहि मि दिट्ट जइ हंस-गइ ॥४ अों दीहर-णहर मयाहिवइ कहें कहि मि णियम्विणि दिट्ट जइ ॥५॥ अहाँ कुम्भि कुम्भ-सारिच्छ-थण केत्तहें वि दिट्ट सइ सुद्ध-मण ॥६ अहो अहाँ असोय पल्लविय-पाणि कहिँ गय परहुऍ 'परहूय-वाणि ॥७ अहों रुन्द चन्द चन्दाणणिय मिग कहि मि दिट्ट मिग-लोयणिय ॥ अहाँ सिहि कलाव-सण्णिह-चिहुर ण णिहालिय कहि मि विरह-विहुर' ॥९ 10 ॥ घत्ता ॥ एम भवन्ते विउले वणे णग्गोह-महादुमु दिडु किह । सासय-पुर-परमेसरण णिक्खवणे पयागु जिणेण जिह ॥ १० [१४] तं णिएवि वड-पायवु अण्णु वि' सरवरु । कालमेहु णामेण खमाविउ गयवरु ॥१ 4 A 93. 5 Poftas. 6 This and the following line are missing in a. 7 एहसिय भाइ.8 A पायउ. 13. 1 PA सजण. 2 रुयंति. 3 A °णिलयहुं. 4 P A °दुम्मण. 58 परहूप, परहुम. 64 परहुम, रहूय.74 विउल. 8 PS 'पुरवर. 14. 18. पायउ.2 मि. २ मित्रैः. ३ भजनी. ४ कामभोयं(गं). ५ व्याधुटितः. ६ वृक्षः. [१३] १ कोकिलाखराः (१).