पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३७५

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पउमचरिउ [2000101010091-4 AW मउणु लएवि परिट्ठियउ णउ चवइ ण चल्लइ झाण-परु । जाय भन्ति मणे संबहु मि 'कट्ठमउ किण्ण णिम्मविउ णरु' ॥ ११ [१८] पुणु सिलोउ अवणीयले लिहिउ स-हत्थेण । 'अञ्जणाएँ मुइयाएँ मरमि परमत्थेण ॥ १ जीवन्तिहें णिसुणमि वत्त जइ तो वोल्लमि लइ एत्तडिय गई ॥२ तं णिसुणेवि हणुरुह-राणऍण वजरियं वत्त परिजाणऍण ॥३ तामरंस-ल्हास-सरिसाणणउ विणि मि वसन्तमालञ्जणउ ॥४ "जिह उभय-पुरहुँ परिघल्लियउ जिंह वणे भमियउ एकल्लियउ॥ ५ जिह हरिवरेण उवसग्गु किउ अट्ठावरण जिह उवसमिउ ॥ ६ जिह लडु पुत्तु भूसणु इलहें जिह णहें णिजन्तु पडिउ सिलहें ॥ ७ सिरिसइलु गाउँ हणुवन्तु जिह वित्तन्तु असेसु वि कहिउ तिह ॥८ तं वयणु सुणेवि समुट्ठियउ पडिसूरे णिय-णयरहों णियउ ॥ ९ ॥ घत्ता ॥ मिलिउ पहञ्जणु अञ्जणों वेणि मि णिय-कहउ कहन्ताई। हणुरुह-दीवें परिट्ठियइँ थिरु रज्जु से ई भु अन्ताइँ ॥ १० 13

. [२०. वीसमो संधि] वद्धन्तउ पावणि भड-चूडामणि जाव जुवाण-भावें चडइ। तहि अवसरे रावणु सुर-संतावणु रणउहें वरुणहों अभिडइ॥ [१] दूआगमणे कोउ संवज्झइ सइँ सरहसु दसासु सण्णज्झइ ॥१ परिवेढिउ रयणियर-सहासेहि पेसिय सोसणहर चउपासेंहि ॥ २ खर-दूसण-सुग्गीव-णरिन्दहुँ णल-णीलहुँ माहिन्द-महिन्दहुँ ॥३ 9 PS सो णवर, A झाण यरु. 10 A सम्बह. 11 Ps कित्त, किंत. 18. 1 PS धरणियले. 2 A मुइयए मरामि. 3 PS जीवंतिय. 4 PS बजरिट.5Ps परिजाणियण. GA तामरिस. 7 °पुरहं. 8A जिम. 9 s जं. 10 P भूसण. 11 Ps सिरिसयलु. 12 P सइ, ७ सयं. 1. 1Ps बढ़तउ. 2 Ps दूआगमेण. [१]१ हनूवन्तः. २ दूताः.