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पत्थर-युग के दो बुत
पत्थर-युग के दो बुत "यदि मैं उस घर को छोडकर तुम्हारे घर पा रहू, तो तुम मेरे विपय मे क्या स्याल करोगी?" "अाप मेरे घर मे कैमे पा रहेगी?" "जैसे तुम्हारी ममी वर्मा साहब के घर पर जा रही ।" "लेकिन उन्होने तो पापा को तलाक दे दिया और उनसे शादी कर ली।" “मैं भी दत्त को तलाक दे द्गी और तुम्हारे पापा से शादी कर लूगी।' "हे भगवान् । ऐमा भी कही हो सकता है।" “यदि हो जाए, मै तुम्हारे घर मे तम्हारी ममी बनकर आ जाऊ, तो तुम क्या करोगी "मैं पापको प्यार करूगी ममी, में पापको प्यार करूगी ।" मेरी ग्रामी ने आसुप्रो की धार बह चली और में उनकी गोद मे गिर गई। 14