पृष्ठ:पदुमावति.djvu/२८४

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पदुमावति । १० । नखसिख-खंड । [ ११२ - हैं। (लोक-दीप्तौ दूस संस्कृत-धातु से बना है)। कोने = कोणे = कोण में । दिसि- दिशि = दिशा में । चाँद = चन्द्र । सुरुज = सूर्य। निरखि = निरीक्षण = देख । खूट = कान का एक खूटौ-दार गहना, जिसे इस प्रान्त में बिरिया कहते हैं। दौप = दीपक दौया। बारे = बारे हैं = जलाये हैं । धुब = ध्रुव-नक्षत्र । बदसारे = बैठाये हैं। भी = खुभिया = काँप, जो कान को ललरी में छेद कर, पहनी जाती है। दूस में छोटे छोटे अनेक नग जडे रहते हैं। सिंघल-दीपौ = मैंहल-चौपौ= सिंहल-द्वीप को। कचपची = कृत्तिका-नक्षत्र, जिम में छ छोटे छोटे चमक-दार तारे हैं। जोहि = जोह कर = देख कर । चौर = वस्त्र = कपडा । बौजु = विद्युत् = बिजली। देओ-लोक = देव- लोक = देव-लोग। कला = अंश = टुकडा ॥ गहने = गहना = आभूषण । वा, गहने ग्रहणे = रेहन ॥ सौप के ऐसे श्रवण (जानों ) दो दीपक रचे गये हैं। (उन दोपकाँ में ) सुवर्ण के कुण्डल उजेले को रचे हैं, अर्थात् सुवर्ण-कुण्डल को कान्ति जो है, वही उस दीपक को प्रज्वलित शिखा है ॥ अत्यन्त सुन्दर (अति-लोने) मणि-कुण्डल (ऐसे ) चमकते हैं, जानाँ दोनों कोण में, अर्थात् कपोलों के दोनो ओर, विजली प्रकाशित होती है। ( अथवा वे दोनों मणि-कुण्डल ऐसे जान पड़ते हैं, जानौँ) दोनों दिशाओं में (क्रम से ) चन्द्र और सूर्य चमकते हैं, अर्थात् पद्मावती का मुख पूर्णिमा तिथि है, इस लिये यदि उत्तर की ओर मुख मान लिया जाय, तो पश्चिम का मणि-कुण्डल अस्त-क्षितिज के पास का सूर्य, और पूर्व का कुण्डल पूर्व-क्षितिज में उदय-गत चन्द्र के सदृश है, क्योंकि केवल पूर्णिमा में यह संभव है, कि युगपत् एक अोर सूर्य और दूसरी ओर चन्द्र देखा जा सकता है। ( वे दोनों सूर्य और चन्द्र ) नक्षत्रों भरे हैं, (दूस लिये बहुत चमक बढ जाने से वे दोनों) निरख (देखे ) नहीं जाते हैं। (मणि-कुण्डलों में जो अनेक नग जडे हुए हैं उन को शोभा ऐसौ जान पड़ती है, जानौँ कुण्डल-रूपौ सूर्य-चन्द्र में नक्षत्र भरे हुए हैं, दूसौ लिये उन दोनों को ऐसी चमक बढ गई है, कि आँखों में चकाचौंधी लग जाने से, देखे नहीं जाते हैं। इस प्रकार उदय और अस्त के चन्द्र, सूर्य स्वभावतः कान्ति-हौन होने पर भी, नग-नक्षत्रों के साथ अति-कान्तिमान् हो जाने से 'नखतन्ह भरे निरखि नहिं जाहौं' यह कवि को सूक्ति है) ॥ तिस (मणि-कुण्डल ) पर बिरिया (खूट) जो है, (सो जानौँ उन कुण्डल-रूपी सूर्य-चन्द्र के ऊपर) दो दीपक बारे हैं । (उन खटों के ऊपर के जो गोल भाग हैं, उन को ऐसौ शोभा है, .