पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१५९

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Pada 16] The Relation of God. १०१ (१६) अनुवाद ( चाहे मुझको) तौक पहिना दो। पैरों में बेड़ी डाल दो। गाढ़े बन्धनों से बँधवा दो और कच्ची खाल खिंचवा लो । ( चाहे ) विप पिलाओ, और उस पर कटार भी चलाओ और भारी से भारी पत्थर बाँधकर मध्यधार में डुबा दो । ( चाहे ) विच्छुओं को विछा कर उस पर मुझे सुला दो । फिर कपड़ों और दुशालों से बाँधकर आग भी लगा दो । ( चाहे ) पर्वत से गिरा दो, (या) काले नागों से डसा दो । परन्तु हा ! हा ! गिरधारी नन्दलाल से मेरी प्रीति न छुड़ाओ ।