पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/४०६

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56 - झड़ी झड लागणें । झरि = घहराय = परमार्थसोपान- टिप्पणी [ Part I Chap. V S A shower of small drops. cf. Marathi गरजता है । सुन्न महल = शून्य महल, गगन गुफा, ब्रह्मरंध्र । प्रेम आनन्द व्है - प्रेमानंदित होकर । = नहाय नहाना है । cf. " = आनन्द नहाया " in the Pada ' जो पीर मेरा बड़ा औलिया । ' केवरिया = किवाड़ (Modern Hindi) = कवाड (Marathi). 9 झिलमिल (Adverb) = रह रह कर चमकता हुआ । नूरा ( Poctical for नूर ) = प्रकाश । जुहर ( From Persian ज़ाहिर ) = प्रकट, विकसित | भरपूरा = पूरी तरह से भरा हुआ । ef. ' साहिब तुम्हारि साहिवी सदा रहे भरपूर | भँवर गुंजार = भ्रमरों की गूँज । ( गुंजार ॥ .; गूंज / . ) रिमझिम रिमझिम = वर्षा में छोटी छोटी बूँदों का लगातार गिरना drizzling. Note : - झिलमिल, रुनझुन aud रिमझिम and onomatoporic. All adverbs भयो प्रकास निरन्तर जोती - f Tukaram : 'ज्योतिच्या प्रकाशे । पाहेन तुझे पाय । Note : - 1. Enumeration of photic, phonic and and _morphic experiences. 2. More beauty than sublimity = धुँधली ठाकुरद्वारा 10 धुएँ के रंग की अस्पष्ट | = ( 1 ) The door of ' Thakur' or the road to Thakur ';(2) देवल, मन्दिर |