पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/४९१

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मंसूर " १९ हक हक मगर थक लफ्ज गुस्ताखाना था । अनलहक का प्रयोजन यह था कि 'मैं हीं परमात्मा हूं,' यही विचार संस्कृत के 'अहं ब्रह्मास्मि' ( बृहदारण्यकोपनिषत् ) तथा तत्त्वमसि " ( छान्दोग्योपनिषत् ) मैं था । 66 (१४) महात्मा एकनाथ. महात्मा एकनाथ का उदाहरण पृष्ठ १६८ पर है | आप छत्रपति शिवाजी के समयवाले एक महाष्ट्र सन्त थे, जिनका प्रभाव उस काल क देशवासियों पर अच्छा था । (१५) महात्मा महिपति. महात्मा महिपति का उदाहरण पृष्ठ ११० पर है । आप सं. १९८१ मैं मराठी भाषा के प्रसिद्ध कवि थे । हिन्दी में भी कविता करते थे । महिपतिनाथ नामक सं. १५२३ वाले एक और कवि थे, जो जसवन्त- राय हुलकर के गुरु थे और हिन्दी रचना करते थे । महात्मा महिपति के नरहरि गुरु थे । (१६) नरहरिनाथ. नरहरिनाथ का उदाहरण पृष्ठ २०५ पर है । आप उपर्युक्त महात्मा महिपति के गुरु थे । एक नरहरि बन्दीजन अकबर के समय में थे, जिनकी प्रार्थना पर गोहिंसा हटाई गई थी, किन्तु वे नरहरिनाथसे पृथक् थे । गोस्वामी तुलसीदास के विद्या और धर्मगुरु भी एक नरहरि महात्मा थे। 1 महात्मा