पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/५११

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(b ) घृणा 333 13 (i) या देही को गरब न करिए, स्यार काग गिध खै हैं, । तीननि में तन के विष्ठा कृमि, कै व्है खाक उड़े हैं ॥ : (ii) उड़ि के जाय बैठि मैले थल, गहिरे चोंच लगे हौ । -I-1-9 -I-1-12 c) निर्वेद - Which, for example, is the result of contemplating on the Seven Lives of Man as in the Song ' दीवाने मन, भजन बिना दुख पैहौ ( I-1-12 ) 7 भक्तयन्तर्गत शान्तरस. (a ) It is curious that some include भक्ति under aria; on the other hand, we might cull out instances of शान्तरस under भक्ति; eg . विसर गई सब आप पराई, जब ते साधू संगत पाई ... जो प्रभु कीनो सो भल मानो, यह सुमति साधू ते पाई ॥ I-2-6 (b ) भक्तिरस may also imply belief in the law of Sufficient Reason:- घरकी तिरिया झिरझिर रोवे बिछुड़ गई मेरी जोड़ी । प्रभुदास तव उठि यों बोले, जिन जोड़ी तिन तोड़ी ॥ I.1.10.