पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/९४

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३६ परमार्थसोपान [ Part I Ch. 2 3. THE MEANING OF A KAFIR सो काफिर जो बोलै काफ दिल अपणा नहिं राखै साफ़ ॥ १ ॥ साई का फरमान न माने, i कहाँ पीव ' ऐसा करि जानै ॥ २ ॥ मन आपण में समझत नाहीं, निरखत चलै आपणी छाहीं 11 3 11 जोर जुल्म करि कुटुम्ब सूँ खाई कपट कूड़ सब उस ही माहीं 11811 जोर करै, मिसकीन सतावै, दिल उसके में दरद न आवे ॥५॥ साई को पहिचान नाहीं सो काफ़िर दोज़ख में जाहीं ॥ ६ ॥