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पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/१६१

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जैसा कि हम ऊपर बता चुके है , दस गोत्रो को मिलाकर एक विरादरी बनती थी, जो रोम मे क्यूरिया कहलाती थी और उसे यूनानी बिरादरी से अधिक महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली हुई थी। हर एक क्यूरिया के अलग धार्मिक रीति-रिवाज , पवित्र स्मृतिचिह्न और पुरोहित होते थे। पुरोहितो को सामूहिक रूप मे रोम का पुरोहित मंडल कहा जाता था। दस क्यूरियायो से एक कबीला बनता था जो शुरू मे , अन्य लैटिन कवीलो की तरह , शायद खुद अपना मुखिया-सेनानायक तथा मुख्य पुरोहित - चुना करता था। तीन कबीले मिलकर रोमन जनता- populus romanus- कहलाते थे। इस प्रकार, रोमन जाति में केवल वे तोग ही शामिल हो सकते थे जो किसी गोन के, और इसलिये किसी क्यूरिया और कवीले के सदस्य थे। इस जाति का पहला संविधान निम्नलिखित था। सार्वजनिक मामलों का सचालन सीनेट के हाथ में था। सीनेट के सदस्य , जैसा कि पहले पहल निबूहर ने सही-सही बताया था, तीन सौ गोत्रो के मुखिया होते थे। 14 गोत्री के बुजुर्ग होने के नाते वे पिता , patres, कहलाते थे, और सामूहिक रूप से - सीनेट (जिसका अर्थ है वयोवृद्ध लोगो की परिपद् , क्योकि senex शब्द का मतलब है वयोवृद्ध )। यहा भी चूकि हर गोत्र के मुखिया को आम तौर पर एक खास परिवार में से चुनने की प्रथा थी, इसलिये इन परिवारो के रूप में पहला वणगत अभिजात वर्ग पैदा हो गया। ये परिवार अपने को पेट्रीशियन , अर्थात् कुलीन परिवार कहते थे और दावा करते थे कि सीनेट का सदस्य होने तथा अन्य विभिन्न पदों पर नियुक्त किये जाने का अधिकार केवल उन्ही को है। यह बात कि कुछ समय बाद जनता ने इस दावे को स्वीकार कर लिया और वह एक वास्तविक अधिकार बन गया , इस पौराणिक कथा मे कही जाती है कि प्रथम सीनेटरो तथा उनके वंशजों को रोमुलस ने पेट्रीशियन पद प्रदान किये थे और इस पद के विशेपाधिकार। एथेंस की bule की भाति, रोमन सीनेट को भी बहुत-से मामलो मे फैमला देने का अधिकार था और अधिक महत्त्वपूर्ण मामलों में, विशेपतः नये कानूनी को बनाने के बारे मे, प्रारम्भिक बहम सीनेट में होती थी और निर्णय जन-सभा में किया जाता था, जो comitia curiata (क्युग्यिा-ममा) कहलाती थी। सभा मे हर क्यूरिया के सदस्य एकमाय बने थे और क्यूरियानो मे शायद हर गोन के सदस्य भी गरमाय बरं थे। मवालों पर फैगला करते समय तीमो क्यूरियानो में से हरा एक बोट । . 11 १६