"कि मुक्त की हुई दासिया (libertae) विना विशेष इजाउन के e gentc enubere" (गोत्र के बाहर विवाह ) "नहीं कर सस्ती और न कोई ऐमा कदम उठा सकती है , जिसका सम्बन्ध capitis derminatio minima" ( पारिवारिक अधिकारों की रंच-मान भी हानि ) "से हो और जिसके परिणामस्वाप liberia गोन से अलग हो जाये।" ( लागे, 'रोमन पुरावशेप', बर्लिन , १८५६ , खंड १, पृ० १६५ ; वहाँ हुशके का जिक्र करते हुए लिवी के उपरोक्त उद्धरण पर टिप्पणी की गयी है।) यदि यह धारणा मही है तो लिवी के उद्धरण से रोम की स्वतंत्र स्त्रियो की स्थिति के बारे में और भी कम प्रमाण मिलता है, और तब यह कहने का और भी कम अाधार रह जाता है कि रोम की स्वतन्त्र स्त्रिया केवल अपने गोत्र के भीतर विवाह करने के लिये वाध्य थी। Eruptio gentis - इन शब्दो का इसी एक अंश मे प्रयोग हुआ है। रोम के सम्पूर्ण साहित्य मे और कही ये शब्द नही मिलते। Enubere शब्द , जिसका अर्थ वाहर विवाह करना होता है , लिवी की रचना में ही केवल तीन जगहो पर मिलता है, पर कही भी उसका प्रयोग गोत्र के संदर्भ मे नही किया गया है। प्रत. इस एक उद्धरण के आधार पर ही अजीबोगरीब ख़याल पंदा हुआ कि रोम की स्त्रियों को केवल अपने गोत्र के भीतर विवाह करने की इजाजत थी। परन्तु इस बात की बिलकुल पुष्टि नहीं की जा सकती। क्योंकि या तो इस उद्धरण मे मुक्त कर दी गयी दास स्त्रियों पर लगाये गये विशेष प्रतिबंधो का जिक्र है, और ऐसी हालत मे इससे जन्मना स्वतंत्र स्त्रियों (ingenuae) के बारे में कुछ साबित नहीं होता, और या यह उद्धरण जन्मना स्वतंत्र स्त्रियो से भी सम्बन्धित है और इस सूरत में इससे यही साबित होता है कि स्त्रिया सामान्यतः गोल के बाहर विवाह करती थी और विवाह होने पर वे अपने पतियो के गोत्रो मे सम्मिलित हो जाती थी। इसलिये यह उद्धरण मोम्मसेन के मत के विरुद्ध जाता है और मोर्गन के मत को पुष्ट करता है। रोम की स्थापना के लगभग तीन सौ वर्ष बाद भी गोन के बंधन इतने मजबूत थे कि फेबियन नामक एक कुलीन गोत्र सीनेट से प्राज्ञा लेकर पडोस के यी नामक नगर पर अकेले चढाई कर कि तीन सौ छ: फेवियन चढ़ाई करने निकले थे और रास्ते में घात लगाये हुए दुश्मन के हाथो मारे गये। केवल एक लडका जिन्दा वना, जिमसे गोत्र को वश-परपरा चली। कहा जाता है १६२
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