पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/१७४

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बात करते है 140 तो वह इस अस्पष्ट शब्द का प्रयोग इसलिये करते है कि रोम मे उस समय गोत्र एक जीवित संस्था नहीं रह गया था। टैसिटस का वह अंश निर्णायक महत्त्व रखता है जिसमें उसने लिखा है : मामा अपने भाजे को अपना पुत्र समझता है ; कुछ लोगों की तो यह तक राय है कि मामा और भांजे का रक्त-सम्बन्ध पिता और पुन के सम्बन्ध से अधिक पविन और घनिष्ठ है; और चुनांचे जब अोल की माग की जाती है तब जिस आदमी को इस तरह बंधन में वाघना उद्देश्य होता है, उसके सगे बेटे से उसके भांजे को अधिक प्यादा अच्छा बन्धक समझा जाता है। यह प्रथा मातृ-सत्ता का, और इसलिये प्रारम्भिक गोत्र का एक जीवित अवशेप है ; और उसका जर्मनी की खास विशेषता के रूप मे वर्णन किया गया है। यदि ऐसे किसी गोन का कोई सदस्य अपने किसी वादे की जमानत के रूप मे अपने सगे बेटे को दे देता था और फिर वचन पूरा नही करता था तथा बेटे को उसका दंड भुगतना पड़ता था, केवल उसके पिता का मामला समझा जाता था। परन्तु यदि किसी आदमी के भाजे की कुरबानी हो जाती थी तो वह गोन के अति पवित्र नियमो की अवहेलना मानी जाती थी। निकटतम सकुल्य का कर्तव्य था कि वह लडके तो यह

  • मामा और भांजे के नाते की विशेष घनिष्टता , जो बहुत-सी जातियों

में मातृ-सत्ता के एक अवशेष के रूप में पायी जाती है, यूनानियो में केवल वीर-काल को पुराण-कथानो मे पायी जाती थी। डियोडोरस के खंड ४, अध्याय ३४ मे मीलियागेर अपनी मा माल्थिया के भाइयो, थेस्टियस के पुत्रों को मार डालता है। प्राल्यिया इन हत्याओं को इतना घृणित समझती है कि हत्या करनेवाले को, जो खुद उमका पुन है, शाप दे डालती है और प्रार्थना करती है कि उसकी मृत्यु हो जाये। लिखा है कि "देवताओं ने उसकी प्रार्थना सुन ली और मीलियागेर के जीवन का अन्त कर दिया"। इसी लेखक के अनुसार (खंड ४, अध्याय ४४ ) जव हेरपलीज़ के नेतृत्व में अर्गोनाटस पेसिया मे उतरे तो उन्होंने पाया कि फिनियरा अपनी दूसरी पत्नी के कहने में प्राकर अपनी पहली परित्यक्त पत्नी, बोरियेड क्लियो- पदा से उत्पन्न दो पुनो के गाय लज्जाजनक रूप से दुव्यवहार कर रहा है। परन्तु प्रोनाटसों में भी कुछ बोरियेद वंश के लोग, पानी क्लियोपट्टा के भाई थे और जो इस प्रकार दुर्व्यवहारग्रस्त सड़को के मामा थे। भामाशों ने तुरन्त अपने भाजो की मदद की, उन्हें मुक्त कर दिया और उनको कंद में रणनेवाले पहरेदारो को मार डाला।" (एंगेल्स का नोट ) १७६