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पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/१८४

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को नमूना है। जब उन लोगो ने सभ्य रोमन साम्राज्य में प्रवेश किया तो एक इंगलैंड को छोड अन्य सभी जगहों में उनके अपने उद्योग खतम हो गये। इन उद्योगो का जन्म और विकास विलकुल एक ढंग से और एक गति से हुआ था। इसका एक अच्छा प्रमाण है कासे के बने हुए च । वरगाडी में, रूमानिया में और अजोय सागर के तट पर मिले चों के नमूनो को ब्रिटेन और स्वीडन में बने बचो से मिलाने से मालूम पड़ेगा जैसे सब एक ही कारखाने में बने है, और इस बात में जरा भी सदेह नही कि ये सब जर्मन कारीगरी के नमूने है । इन लोगों का संविधान भी बर्बर युग की उन्नत अवस्था के अनुरूप था। टेसिटस के अनुसार ग्राम तौर से मुखियाओ (principes) की एक परिपद् होती थी जो कम महत्त्व के मामलो को तय कर देती थी और अधिक महत्त्व के प्रश्नो को जन-सभा के सामने फैसले के लिये पेश कर देती थी। वर्वर युग की निम्न अवस्था में, कम से कम उन लोगो मे जिनकी हमे जानकारी है, अमरीका के आदिवासियो मे, जन-सभा केवल गोत्र मे होती थी। उस समय तक कबीले में, या कबोलों के महासंघ में जन-सभा की प्रथा नही थी। इरोक्वा लोगों की तरह जर्मनो में भी परिषद् के मुखियाओं (princrpes) व यद्धकालीन मुखियाओ (duces) मे बहुत साफ अन्तर रखा जाता था। पहली कोटि के मुखिया कबीले के सदस्यो से गाय-बैल, अनाज, आदि की भेंट लेने लगे थे और यह आशिक रूप से उनकी जीविका का आधार बन गया था। अमरीका की तरह ये मुखिया भी आम तौर पर एक ही परिवार से चुने जाते थे। पितृ-सत्ता कायम हो जाने के परिणामस्वरूप यूनान और रोम की भाति यहा भी जिन पदो का पहले चुनाव हुआ करता था, वे धीरे-धीरे पुश्तैनी बन गये। इस प्रकार हर एक गोन मे एक अभिजात परिवार का उदय हो गया। इस प्राचीन तथाकथित कवायली अभिजात वर्ग का अधिकतर भाग जातियों के प्रव्रजन के दौरान या उसके कुछ समय बाद खतम हो गया। सैनिक नेताओं का चुनाव केवल उनके गुणों के प्राधार पर होता था, उसमें उनके परिवार का कोई ख्याल नहीं किया जाता था। उनके पास बहुत कम अधिकार होते थे और दूसरो से अपनी प्राज्ञा का पालन कराने के लिये उन्हें पहले उनके सामने खुद उदाहरण पेश करना पड़ता था। जैसा टेसिटस ने साफ-साफ कहा है सेना के अंदर अनुशासन कायम रखने का असली अधिकार पुरोहितो के हाथ में होता था। वास्तविक १८४