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याओं की परिपदें और सेनानायक, जिन्होंने अभी से असली राजा बनने के सपने देखना शुरू कर दिया था। गोन-व्यवस्था इससे अधिक विकसित ढंग का संघटन नहीं पैदा कर सकती थी। वह बर्बर युग की उन्नत अवस्था का आदर्श संघटन था। जैसे ही समाज उन सीमानों से बाहर निकल गया, जिनके लिये यह संघटन पर्याप्त था, वैसे ही गोत्र-व्यवस्था का अंत हो गया। गोन-व्यवस्था टूट गयी और उसका स्थान राज्य ने ले लिया।