घाटी और फिर इटली के उत्तरी और केन्द्रीय भागों में जा बमा। -१७४ लैटिन कबोले - प्राचीन इतालवी कबीलो के दो मुख्य समूहो में से एक । प्राचीन रोमन इसी समूह के थे। - ७३, १५४, १६३ वारली- एक भारतीय जाति, जो वर्तमान महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के उत्तरी जिलो में रहती है। -१६८ वेल्स (वालियन )- केल्ट मूल की एक जाति , जो वेल्स प्रायद्वीप और ब्रिटिश द्वीपो पर रहती है। - - १७३ शक (सोथियन)- सातवी सदी ई० पू० से ईस्वी संवत् की पहली कुछ सदियों तक काले सागर के तटवर्ती उत्तरी इलाको में रहनेवाले कबीलो का समूह।-४६ शौनी-उत्तरी अमरीका का एक रेड इंडियन कवीला ।-७१ संयाल-एक भारतीय आदिम जाति , जो आजकल भारत के संथाल परगना इलाके में रहती है। - ६४ सामी-उन्नीसवी सदी मे सामी-हामी भाषाभापी जातियो की सामी शाखा के लिये व्यापक तौर पर प्रयुक्त नाम । - ३४, ६८, ७४, ७७, २०५ सालियन फ्रेंक - फ्रेंक ग्रुप के जर्मन कबीलो की दो मुख्य शाखाप्रो मे से, जो चौथी सदी के मध्य तक राइन के मुहाने और शेल्डा के बीच उत्तरी सागर के तट पर रहता था, जहा से बाद मे वह उत्तरी गाल प्रदेश में जाकर बस गया।-१६६ सामोयेदी-नेनेत्स जाति का पुराना नाम । देखिये नेनेत्स । सिम्बरी-जर्मन कबीलो का एक समूह , जो यूटलैण्ड प्रायद्वीप पर रहता था। ईसा पूर्व दूसरी सदी में ये कबीले ट्यूटन कबीलो के साथ यूरोप के दक्षिणी भाग की ओर वढने लगे और रोमनों के हाथ पराजित होकर मास, माइन और नेक्कार नदियो से लगे इलाके में बिखर गये।- १७४ सुएवी- ईस्वी सवत् के प्रारंभ तक एल्बा की उपत्यका मे रहनेवाले जर्मन कबीलो का एक समूह ।- ११५, १७४, १८०, १८१ सेनेका - इरोक्या समूह का एक उत्तरी अमरोको रेड इंडियन कबीला, जो वर्तमान न्यूयार्क राज्य के इलाके में रहता था।-३७, ३६, ६२, १०८-११४, ११६ स्काट-केल्ट कबीलो का एक ममूह , जो प्राचीन काल मे आयरलैण्ड में रहता २७३
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