" न भतीजो-भतीजियों का, ममेरे और फुफेरे भाई-बहनों का, एक नया दर्जा वनाना आवश्यक हुअा - जो परिवार की पुरानी व्यवस्था मे विलकुल बेमानी होता। रक्त-सम्बन्ध की अमरीका में पायी गयी व्यवस्था, जो किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत विवाह पर आधारित परिवार की दृष्टि से बिलकुल वेबकूफी मालूम पड़ती है, पुनालुयान परिवार के विलकुल उपयुक्त सिद्ध होती है, उस व्यवस्था की एक-एक बात पुनालुान परिवार के आधार पर स्वाभाविक और विवेकपूर्ण सिद्ध हो जाती है। जिस हद तक रक्त-सम्बद्धता की यह व्यवस्था प्रचलित थी, कम से कम ठीक उसी हद तक पुनालुमान परिवार या उससे मिलता-जुलता कोई रूप भी प्रचलित रहा होगा। यह सिद्ध हो चुका है कि परिवार का यह रूप हवाई मे मौजूद था। और यदि अमरीका मे स्पेन से आये हुए ईश्वर के विशेष कृपापात्र मिशनरी लोग इन गैर-ईसाई यौन-सम्बन्धो को केवल "पापाचार समझते , तो शायद सारे पोलिनेशिया मे परिवार के इस रूप का अस्तित्व सिद्ध किया जा सकता था। सीजर के काल मे ब्रिटन ,लोग बर्बर युग की मध्यम अवस्था में थे। अतएव जव हम सीजर के लिखे हुए वर्णन मे पढ़ते से है कि “ दस-दम और बारह-बारह के दलो में वे लोग सामूहिक रूप पत्निया रखते थे, और अधिकतर भाई-भाई साथ रहते थे और माता- पिता सन्तानो के साथ रहते थे," 33 तो स्पष्ट है कि हम इसे यूथ-विवाह के रूप में ही ग्रहण करके समझ सकते है। वर्बर युग की माताप्रो के दस या बारह पुत्र इतने बड़े नहीं हो सकते थे कि वे सामूहिक रख सकते , परन्तु अमरीका में पायी गयी रक्त-सम्बन्ध व्यवस्था मे , जो पुनालुमान परिवार के अनुरूप है, भाइयो की सख्या बहुत बड़ी होती है, क्योंकि हर पुरप के पास के या दूर के भाई भी उसके सगे भाई की तरह ही माने • अव इममे तनिक भी सन्देह नहीं हो सकता कि स्वच्छन्द यौन सम्भोग, उनके तथाकथित वायोफेन" अपनी योज समझते थे, यूथ-विवाह की ओर सकेत करते है। Sumpizeugungy के वे चिह्न, जिन्हें "यदि याखोफेन इन 'पुनालुप्रान' विवाहों को 'अवैध' समझते है, तो उम युग का प्रादमी पाजकल के, पास के या दूर के चचेरे और मौसेरे भाई-बहनो के बीच होनेवाले अधिकतर विवाहो को पापाचार, यानी रक्तः सम्बद भाइयों और बहनों के बीच विवाह समझेगा। (एंगेल्स का नोट) रूप से पत्निया " (माक्र्म )" ५२
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