पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

जिस समय मौर्गन ने अपनी पुस्तक तिखी थी, उस समय तक भी यूथ-विवाह का हमारा ज्ञान बहुत सीमित था। उस समय आस्ट्रेलिया के निवासियों मे-जो वर्गों में संगठित थे-पाये जानेवाले यूथ-विवाहों के बारे में थोडी-सी जानकारी थी। इसके अलावा मोर्गन ने १८७१ में ही वह सामग्री प्रकाशित कर दी थी जो उन्हें हवाई के पुनालुमान परिवार के बारे में उपलब्ध हुई थी। पुनालुमान परिवार से, एक ओर तो अमरीकी इंडियनों में पायी गयी रक्त-सम्बन्ध व्यवस्था पूरी तरह समझ में आ जाती थी- ध्यान रहे कि मोर्गन को सारी खोज इसी व्यवस्था से आरम्भ हुई थी। दूसरी ओर, उसमें मातृसत्तात्मक गोनों के विकास-क्रम का प्रारम्भिक बिन्दु मिल जाता था; और अन्त में, वह आस्ट्रेलिया के वर्गों से कहीं अधिक ऊंचे दर्जे के विकास का प्रतिनिधित्व करता था। इसलिये यह समझ में पानेवाली बात है कि मौर्गन नै पुनालुप्रान परिवार को युग्म-परिवार के पहले पानेवाली विकास की एक आवश्यकः मंजिल समझा और यह मान लिया कि शुरू के जमाने में परिवार का यह रूप आम तौर पर प्रचलित था। तब से हमें यूथ विवाह के और भी कई रूपों की जानकारी हो गयी है, और अब हम जानते है कि मौर्गन इस दिशा में बहुत दूर तक चले थे। फिर भी, यह उनका सौभाग्य था कि पुनालुमान परिवार के रूप में उन्हें यूथ-विवाह का सर्वोच्च एवं क्लासिकीय रूप मिल गया था, जिससे उच्चतर अवस्था में संक्रमण सबमे अधिक आसानी से समझ में आ सकता है। यूथ-विवाह के विषय में अपने ज्ञान-भंडार की अत्यन्त मौलिक वृद्धि के लिये हम लौरिमेर फाइसन नामक अंग्रेज मिशनरी के आभारी है, क्योकि उन्होंने परिवार के इस रूप का उसके मूल स्थान , प्रास्ट्रेलिया में वर्षों तक मध्ययन किया था। दक्षिणी प्रास्ट्रेलिया में माउंट गैम्बियर के इलाके के नीग्रो लोगों को उन्होंने विकास की सबसे निम्न अवस्था मे पाया था। यहां पूरा कबीला क्रोकी और कुमाइट नामक दो वर्गों में बंटा हुमा है। प्रत्येक वर्ग के अन्दर योन-सम्भोग पर सख्त प्रतिबंध है। दूसरी ओर, एक वर्ग का हरेक पुरुप दूसरे वर्ग की हरेक नारी का जन्म से पति होता है और वह उसकी जन्म से पली होती है। व्यक्तियों का नहीं, बल्कि पूरे समूहों का आपस में विवाह होता है; एक वर्ग दूसरे वर्ग से विवाहित होता है। और ध्यान रहे, यहां प्रायु में अन्तर से, भयवा विशेष प्रकार के रक्त सम्बन्ध से कोई पाबंदियां नहीं लगती। एकमान पाबंदी वही है 37