जो दो बहिर्विवाही वगों मे विभाजन से निर्धारित होती है। क्रोको वर्ग का प्रत्येक पुरुष कुमाइट वर्ग की प्रत्येक नारी का वैध पति है, परन्तु चूकि उसकी अपनी पुत्री भी , एक कुमाइट नारी की सन्तान होने के नाते , मातृ- सत्ता के अनुमार कुमाइट होती है, इसलिये वह जन्म से क्रोकी वर्ग के प्रत्येक पुरुष की और अपने पिता की भी पत्नी होती है। जो भी हो यह वर्ग-सगठन , जैसा कि हम उसे जानते है , इस संबंध पर प्रतिबंध नही लगाता। अतएव या तो यह संगठन उस समय उत्पन्न हुआ होगा, जब अगम्यागमन पर रोक लगाने की अस्पष्ट प्रेरणाओं के वावजूद , माता-पिता और सन्तान के बीच मैथुन को अभी विशेष घृणा की दृष्टि से नही देखा जाता था- और ऐसी सूरत मे यह वर्ग-संगठन सीधे अनियवित अथवा स्वच्छन्द यौन सम्बन्धो की अवस्था से उत्पन्न हुआ होगा ; और या फिर वों के आविर्भाव के पहले ही माता-पिता तथा सन्तान के यौन-मम्बन्ध पर ,रीति-रिवाजो ने प्रतिबंध लगा दिया होगा-और ऐसी सूरत में वर्तमान स्थिति रक्तसम्बद्ध परिवार की ओर सकेत करती है और उसके प्रागे के विकास की पहली मजिल के रूप में सामने आती है। ज्यादा मुमकिन है कि यह दूसरी सूरत ही रही होगी, क्योकि जहां तक मुझे मालूम है, आस्ट्रेलिया में माता-पिता तथा सन्तान के बीच यौन सम्बन्ध का कोई उदाहरण नहीं मिला है, और बहिर्विवाद की प्रथा का वाद मे आनेवाला यानी मातृसत्तात्मक गोत्र भी, आम तौर पर ऐसे सम्बन्धों पर लगे हुए प्रतिवधो को मानकर चलता है, क्योकि वे उसकी स्थापना के पहले से लगे हुए थे। दक्षिणी आस्ट्रेलिया के माउंट गैम्बियर के अलावा, यह · द्विवर्गीय व्यवस्था उमके भी पूर्व , डार्लिंग नदी के प्रदेश में, और उत्तर-पूर्व, क्वीन्सलँड में भी पायी जाती है। अर्थात् यह व्यवस्था बहुत दूर-दूर तक फैली हुई है। इस व्यवस्था मे केवल भाइयों और बहनो के बीच, के बच्चो के बीच और मौसेरी बहनो के बच्चो के बीच विवाह नही हो क्योकि ये सब एक वर्ग के सदस्य होते है। दूसरी ओर, भाई पौर बह्न के बच्चों को विवाह करने की इजाजत होती है। अगम्यागमन पर एक और प्रतिबंध हम न्यू साउथ वेल्स में डार्लिंग नदी के तट पर रहनेवाले कामिलारोई जाति के लोगों में पाते हैं। यहा पुराने दो वर्गों को पार में वाट दिया- गया है और इन चारों में से प्रत्येक वर्ग एक अन्य वर्ग भाइयो सकता,
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