पृष्ठ:परीक्षा गुरु.djvu/१५५

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कृतज्ञता.
 

रुपे के मित्र मदनमोहन को छोड़कर अपनें, अपनें रस्ते लगेंगे परंतु मैं क्या करूं? मुझको कोई रस्ता नहीं दिखाई देता और इस्समय मुझ सै मदनमोहन की कुछ सहायता न हो सकी तो मैंने संसार में जन्म लेकर क्या किया?

फ्रान्स के चौथे हेन्री नें डी ला रोमाइल को देशनिकाला दिया था और काउन्ट डी आविग्नी उस्सै मेल रखता था इस्पर एक दिन चौथे हेन्री ने डी आविग्नी से कहा कि "तुम अबतक डी ला रोमाइल की मित्रता कैसे नहीं छोड़ते"? डी आविग्नी ने जवाब दिया कि "मैं ऐसी हालत मैं उस्की मित्रता नहीं छोड़ सक्ता क्योंकि मेरी मित्रता के उपयोग करनें का काम तो उस्को अभी पड़ा है."

पृथ्वीराज महोबेकी लड़ाई मैं बहुत घायल होकर मुर्दों के शामिल पडे थे और संजमराय भी उन्के बराबर उसी दशा मैं पडा था. उस्समय एक गिद्ध आके पृथ्वीराज की आंख निकालने लगा पृथ्वीराजको उसके रोकनेंकी सामर्थ्य न थी इसपर संजमराय पृथ्वीराजको बचानेके लिये अपने शरीर का मांस काट, काट कर गिद्धके आगे फैंकने लगा जिस्सै पृथ्वीराजकी आंखें बच गई और थोड़ी देर मैं चन्द वगैरे आ पहुंचे.

हेन्‌री रिचमन्ड पीटरके भयसै ब्रीटनी छोड कर फ्रान्सको भागनें लगा उस्समय उस्के सेवक सीमारनें उस्के वस्त्र पहन कर उस्की जोखों अपनें सिर ली और उस्को साफ निकाल दिया.

क्या इस्तरहसै मैं मदनमोहन की कुछ सहायता इस्समय नहीं कर सक्ता! यदि इस काममैं मेरी जान भी जाती रहै तो