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परीक्षागुरु.
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याधीन हैं प्रथम हमारा राज था अब तुह्मारा हुआ आगे किसी और का हो जायगा. दुःख सुख सदा अदलते बदलते रहते हैं होनहार को कोई नहीं मेट सक्ता तुम भूल सै इस वैभव को अपना समझते हो यह किसी का नहीं हैं. पृथु, ऐल, मय, और भीम आदि बहुत सें प्रतापी राजा पृथ्वी पर होगए हैं परन्तु कालने. किसी को न छोड़ा इसी तरह तुह्मारा समय आवेगा तब तुम भी न रहोगे इसलिये मिथ्याभिमान न करो. सज्जन सुख दुःख सै कभी हर्ष विषाद नहीं करते वह सब अवस्थाओं मैं परमेश्वर का उपकार मान कर सन्तोषी रहते हैं ++ और सव मनुष्यों को अपना समय देख कर उपाय करना चाहिये सो यह समय हमारे बल करनें का नहीं है सहन करनेंका है इसीसै हम तुमारे कठोर बचन सहन करते हैं. दुःख के समय धैर्य रखना बहुत आवश्यक है क्योंकि अधैर्य होनें सै दुःख घटता नहीं बल्कि बढ़ता जाता है इसलिये हम चिन्ता और उद्वेग को अपनें पास नहीं आनें देते" ऐसे अवसर पर मनुष्य के मन को स्थिर रखनें के लिये ईश्वर नें कृपा करके आशा उत्पन्न की है और इसी आशा सै संसार के सब काम चल्ते हैं इसलिये आप निराश न हों परमेश्वर पर विश्वास रख कर इस दुःख की निवृत्ति का उपाय सोचें. यह बिपत्ति आप पर किस तरह एकाएक आपड़ी इस्का कारण ढूंडें ईश्वर शीघ्र कोई सुगम मार्ग दिखावेगा"

"मुझको तो इस्समय कोई राह नहीं दिखाई देती तुह्मैं अच्छा लगे सो करो" लाला मदनमोहन ने जवाब दिया.

इतनें मैं लाला ब्रजकिशोर सै आकर एक चपरासी नें कहा कि "आप को कोई बाहर बुलाता है" इस्पर वह बाहर चले गए.