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पृष्ठ:परीक्षा गुरु.djvu/५३

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सावधानी(होशियारी)
 


छल, बल की प्रतिज्ञाओं का निबाहना आवश्यक नहीं है परंतु प्रतिज्ञा भंग करने की अपेक्षा पहले विचार कर प्रतिज्ञा करना हर भांत अच्छा है”

“ऐसी सावधानी तो केवल आप लोगों ही से हो सकती है जो दिन रात इन्हीं बातों के चारा विचार में लगे हैं” लाला मदनमोहन ने हंसकर कहा.

"मैं ऐसा सावधान नहीं हूं परंतु हर काम के लिये सावधानी की बहुत जरूरत है" लाला ब्रजकिशोर कहने लगे “मैं अभी मन की वृत्तियों का हाल कहकर अच्छे बुरे मनुष्यों की पहचान बता चुका हूं परंतु उनमें से धर्मप्रवृत्ति की प्रबलता रखने वाले अच्छे आदमी भी सावधानी बिना किसी काम के नहीं हैं क्योंकि वे बुरी बातों को अच्छा समझ कर धोखा खा जाते हैं. आपने सुना होगा कि हीरा और कोयला दोनों में कार्बन है और उनके बनने की रसायनिक क्रिया भी एक-सी है दोनों में कार्बन रहता है केवल इतना अंतर है हीरे में निरा कार्बन जमा रहता है और कोयले में उसकी कोई खास सूरत नहीं होती जो कार्बन जमा हुआ, दृढ़ रहने से बहुत कठोर, स्वच्छ, स्वेत और चमकदार होकर हीरा कहलाता है वही कार्बन परमाणुओं के फैल फूट और उलट-पुलट होने के कारण काला, झिर्झिरा, बोदा, और एक सूरत में रहकर कोयला कहलाता है! यही भेद अच्छे मनुष्यों में और अच्छी प्रकृति वाले सावधान मनुष्यों में है कोयला बहुत सी जहरीली और दुर्गंधित हवाओं को सोख लेता है. अपने पास की चीज़ों को गलनें-सड़ने की हानि से बचाता है. और अमोनिया इत्यादि के द्वारा वन-