पृष्ठ:परीक्षा गुरु.djvu/८५

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सज्जनता
 


प्रकृति के अनुसार और मनुष्यों के स्वभाव का अनुमान करते हैं परंतु दरअसल उनमें बड़ा अंतर है" लाला ब्रजकिशोर कहने लगे देखो:- एथेन्स का निवासी आरिस्टाईडीज एक बार दो मनुष्यों का इन्साफ करने बैठा तब उनमें से एक ने कहा कि “प्रतिपक्षी ने आप को भी प्रथम बहुत दुख दिया है।" आरिस्टाइडीज ने जवाब दिया कि "मित्र! इसने तुमको दु:ख दिया हो वह बताओ क्योंकि इस समय मैं अपना नहीं; तुम्हारा इन्साफ़ करता हूं।”

प्रीवरनम के लोगों ने रोम के विपरीत बलवा उठाया उस समय रोम की सेना ने वहां के मुखिया लोगों को पकड़कर राजसभा में हाजिर किया. उस समय प्लाटीनियस नामी सभासद ने एक बंधुए से पूछा कि “तुम्हारे लिये कौन-सी सज़ा मुनासिब है?” बंधुए ने जवाब दिया कि “जो अपनी स्वत्रंता चाहने वालों के वास्ते मुनासिब हो” इस उत्तर से और सभासद अप्रसन्न हुए पर प्लाटीनियस प्रसन्न हुआ। और बोला “अच्छा! राजसभा तुम्हारा अपराध क्षमा कर दे तो तुम कैसा बरताव रखो?” "जैसा हमारे साथ राजसभा रखे” बंधुआ कहने लगा "जो राजसभा हमसे मानपूर्वक मेल करेगी तो हम सदा ताबेदार बने रहेंगे परंतु हमारे साथ अन्याय और अपमान के बरताव होगा तो हमारी वफ़ादारी पर सर्वथा विश्वास न रखना” इस जवाब से और सभासद और अधिक चिढ़ गए और कहने लगे कि "इसमें राजसभा को धमकी दी गई है” प्लाटीनियसने समझाया कि इसमें धमकी कुछ नहीं दी गई यह एक स्वतंत्र मनुष्य का सच्चा