पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/५

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. जानकारी बिलकुल गलत होती है। और इस समाज पर अन्याय करनेवाली भी। अखबारों मे कभी कभी इस विषय के आर्टीकल्स छपते हैं। लेकिन, बहुत बार, पत्रकार भी इस विषय में बहुत कम और आधी अधुरी जानकारी रखते हैं। मेरा अनुभव है की अनेक डॉक्टर इस विषय में अज्ञानी होते हैं। उनमें से कुछ समलिंगी वेष्टे होते हैं। यह डॉक्टर्स पुरानी शिक्षा प्रजाती और रुढ़िवादी विचारधारा से प्रभावित होते हैं। समलिंगी संभोग को कानून अपराध मानता हैं। कुछ पुलिस तथा गुंडे इस कानून का ब्लॅकमेलिंग के लिए उपयोग करते हैं। एक इन्सान के नाते इस समाज के लोगों को समझ लेने की कोशिश कोई भी नहीं करता। नतीजन कई लड़के- लड़कियाँ खुदकुशी करते हैं। क्या इस अन्याय के लिए हम सब जिम्मेदार नहीं हैं? समलैंगिकता के संबंध में उचित जानकारी कौन देगा? कोई भिन्नलिंगी व्यक्ति हमदर्दी के साथ इस विषय पर लिखता हैं, तो उसी की लैंगिकता पर शक किया जाता है। तो इस विषय पर कोई जी चुराना स्वाभाविक बात हैं। आवाज उठानेवाले लोग परंपरावादी, समलिंगीयों से नफरत करनेवाले होते हैं। उनकी ओरसे होनेवाली परेशानी, मारपीट की संभावना आदि कारणों से समलिंगी लोग अपनी तरफ से कुछ बोलने का साहस नहीं कर पाते। चूंकी समलैंगिक लोगों की तरफ तिरस्कृत नजरों से देखा जाता है, इसलिए वे अपनी लैंगिकता छिपाते रहते है और इसलिए लोग समझ बैठते हैं की समलैंगिकता अपने देश में है ही नहीं! चार