पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/७२

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सहारा दिया। उनमें से कुछ नजदिकी दोस्त, सहेलियाँ बन गए। कुछ मेरे सहकारी हैं। उनमें से कुछ डॉक्टर्स हैं, कौन्सेलर्स, सोशल वर्कर्स है। मुझपर उनके इतने सारे सहसान है, जिनका बदला कधी-भी चुकाया नहीं जा सकता। मैंने दुकान शुरु करना तय किया। उसके लिए अब जगह ढूँढ़ रहा हूँ। इरु ने कहा कि, थोडी दूरही सही लेकिन अपनी जगह होनी चाहिए। किराए से लेना उसे पसंद नहीं था। मुझे यह बड़ी जिम्मेदारी लगती है। फिर भी वो कहता है सो ठीक ही है। अभी थोड़ी तकलीफ होगी, लेकिन लाँगटर्म में अपनी खुद की दुकान होना फायदे में रहेगा। कल अर्जुन की शादी थी। दोनों शादी में गए। उसने उसके माँ-पिताजी से मिलवाया। 'यह है इरफान और ये है उसका बॉयफ्रेंड रोहिता' उसके माँ-पिताजी उदारमतवादी है। कमाल है। मेरे माँ-पिताजी को इनसे मिलवाना चाहिए। समाज में हमें मान्यता मिल रही है यह जानकर बहुत अच्छा लगा। गर्व महसूस हुआँ। दिनभर मैं एक सपना देखता रहा- इसी तरह मेरी और इरु की शादी हो गई तो? एक बात मेरी समझ में कभी नहीं आई है, कि भिन्नलिंगी लोग समलिंगी जोड़ों की शादी के विरोध में क्यों होते है? (Legal Partnership) हमारे समाज के कई लड़के/लड़कियाँ विवाह संस्था का आदर करते हैं। सही बात है कि विवाह संस्था में कई कुछ बुटियाँ है, लेकिन इससे अच्छा दूसरा विकल्प भी सामने नहीं है। इस रिश्ते को कानून मान्यता है। कानून का आधार है। हमारे जोड़ों ने शादियाँ करने की कोशिश की, तो विवाह संस्था ढह जाएगी ऐसा भय लोगों के मन में होता है। उल्टे हमारे विवाहों से विवाह संस्था और मजबूत हो जाएगी। कई जगह देखा जाता है कि भिन्नलिंगी जोड़ों (स्त्री और पुरुष) के रिश्ते में समानता नहीं होती। औरतों की हसियत कम मानी जाती है। हमारे कई लड़के भी इस इनइक्वॉलिटी से प्रभावित दिखाई देते हैं। जो पॅसिव्ह होता है उसका दर्जा कम माना जाता है। इसका कारण यह है कि दूसचा रोल मॉडेल उन्होंने कभी देखा नहीं है। हो ६३ ...