पृष्ठ:पीर नाबालिग़.djvu/६३

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जेन्टिलमैन [ इस कहानी में आज के युग की सम्य ठगाई और जुआचोरी का मराडारोड़ है। इस कहानी के तथ्य सत्रह करने मे विद्वान् लेखक ने उन सशिशः व्यक्तियों ने मुलाकात की थी-जिनके काल्पनिक नाम रहान नवना है। कहानी लेखक कुछ काल महानगरी बम्बई में वा के बड़े नयाची को और निलों के मालिकों के सम्पर्क में रहा । और उनके कूट भाषिक ताने-बाने उसने स्वयं देखे समके। जैन्टिलमैन' के नान में जिन दुप दुङ्मय का उल्लेख किया गया है-वह ब्रम्बई-दिल्ली और लाहौर का एक महान् अर्थशास्त्री था। अपने काल में उसने इन तीनो महानगरों को अपने अर्थविप्लन से हिला डाला था। प्राचार्य श्रीने उरी के श्रीमुख से उसकी सफल योजनाएँ सुनी थी, तथा बम्बई के माट भी भस्म होता स्वयं अपनी आँखों से देखा था ] १ कहिए, क्या आपने कभी कोई जेन्टिलमैन देखा है ? जेन्टि- लमैन बीसवीं शताब्दि की न्यामत है। वह बोसवीं शताब्दि का मुर्तिमान अवतार है। वह जन्मजात प्रतिष्ठित जन्तु है-उसके बहुत से हथकण्डे हैं। उसमें अच्छी-बुरी जो भो बातें हैं- गुण ही गुण है। अवगुण को उसने शब्दकोष से बहिर्गत कर दिया है। वह जगन्वन्ध महापुरुष है। उसके लिए बीसी रातान्दि में सब कुछ गम्य है।