पृष्ठ:पीर नाबालिग़.djvu/७१

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ce जेन्टिलमैन का एक करोड़ रुपए का पारा का बीमा करा डालिए। सेठ जी ने भयभीत दृष्टि से जेन्टलमैन को धूर कर कहा- "आपका इरादा क्या है ? "यही, कि मैंने जो कहा है उसे पूरा कर दिखाऊँ । कल मि० दास आपसे दूकान का चार्ज लेने जाएंगे और कल ही आप बीमा की भी कुल कार्यवाही खतम कर डालेंगे।" सेठ जी ने स्वीकार किया। जेन्टलमैन ने भेद-भरी दृष्टि से देखते हुए सेठ जी से कहा- "डॉर सिन्हा की राय है कि इधर आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, आप सपरिवार काश्मीर एक दो मास के लिए चले जाइए। कल आप सब काम खत्म करके परसों फ्रन्टियर मेल से रवाना हो सकते हैं। सेठ जी ने घबराकर कहा---"स्वास्थ्य तो मेरा बहुत अच्छा है, और मैं अभी पंजाब से आ रहा हूँ।" जेन्टलमैन ने तीखी वाणी से कहा-"परन्तु डॉक्टर की राय के मुकाबले श्रापकी राय कुछ गिनती में नहीं है। फिर आप मुझे वचन दे चुके हैं। आपको मेरी आज्ञा का पालन करना चाहिए।" सेठ जी ने धीमे स्वर में कहा-~-"आपका इरादा मैं कुछ २ समझ गया हूँ। आप बड़े खतरे का काम कर रहे हैं।" "समझ गए हैं तो अच्छी बात है, खतरों से हम नहीं डरते। आपको खतरों से दूर रखने ही के लिए मैं आपको भेज रहा हूँ" "अच्छी बात है, मुझे स्वीकार है " जेन्टलमैन छठ खड़े हुए, तीनों मिन्न भी रूठे। जेन्टलमैन