पृष्ठ:पीर नाबालिग़.djvu/९२

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जेन्टिलमैन दे दिया। अब ये रसीदें हैं जो सब मेरे साथ चित्ता में जलेंगी। आप जानते हैं कि इनको एक कौड़ी भी अत्र बनूल नहीं होने की। अब तक मैंन आपके साथ सब तरह से दोस्ती निभाई, अब कहिए कि मैं आपके साथ क्या कर सकता हूँ ? मैं चाहना हूँ कि जो कुछ स्याह सफेद हो मेरा हो, श्रापको आँच भी न आए । लेकिन चूंकि आप बैंक के सेक्रेटरी रह चुके हैं और कुल्ल कागजात के आम जिम्मेदार हैं और प्रजिडेण्ट की आज्ञा से तमाम बातें आपने की हैं, और प्रेजिडेण्ट साहब का देहान्त हो गया है, अतः अब आप ही एक आदमी बच है कि जिनपर समाम जवाब देहियाँ आ सकती हैं।" मिस्टर दस ने घबराकर कहा-"मिस्टर जेन्टलमैन, आप मुझे बचाइए। हालाँ कि मेरे तमाम रुपये बैंक के साथ ड्व गए, फिर भा जो कुछ मेरे पास है उसे खर्च करने को मैं तैयार हूँ. पर बेदाग बच जाऊँ। मैं अपनी औरत के जेवर तक बेचने को तैयार हूँ।" जेन्टलमैन ने करुणापूर्ण शब्दों में कहा-"नहीं मेरे दोस्त, तुम मेरे कारण इस मुसीबत में फंसे हो। मैं तो बर्वाद हुआ पर तुम्हें कभी बर्बाद नहीं होने दूंगा। कुछ देर वे चुप रहे । फिर धीरे से

"तुम्हारे दो लाखके शेयर बर्बाद हुए हैं न। लाओ वह रसीद

मुझे दो और दस हजार रुपये मेरे पास बचे हैं, ले लो। मैं चाहता हूँ कि तुम इससे कोई रोजगार करो। और जो तजुर्जा तुमने मेरी सोहबतसे उठाया है,उससे लाभ उठाओ। मिस्टर दास को कभी यह उम्मेद नहीं थी कि उन्हें एकदम दस हजार रुपये की अच्छी रकम वन रही रसीदों की एवज में मिल जाएगी।