पृष्ठ:पीर नाबालिग़.djvu/९५

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जन्टिलमन कर मिः जेन्टलमैन की तरफ देखने लगे। जेन्टलमैन मुस्कर रहे थे। इसके बाद जन्दलमैन के वैरिस्टर ने एक कागज अदालत में पेश किया, जिस पर मिदास की सही था। इस गज के द्वारा यह साबित होना था कि दास ने ही अपनी जिम्मेदारी पर प्रेजिडएट के कहन के मुताबिक बैंक की काफी रकम सेठजी के कारोबार में लगाई थी। दास ने इस बात से बिल्कुल इन्कार किया. लेकिन उनका दस्तखत कागज पर अकाट्य प्रमाण था। हाईकोर्ट ने सला दे दिया। जेन्टलमैन बरी हो गए। बैंक फेल हुआ। मि० दास पाँच वर्ष के लिए जल भेज दिए गए। उन्होंने बहुत मि० जेन्टलमैन बम्बई छोड़कर दिल्ली चले पाए हैं। यहाँ सी जायदाद खरीदी है। बम्बई में भी इनकी बड़ी भारी जायदाद है। लोगों का ख्याल है कि उनकी सम्पत्ति एक करोड़ से ऊपर है। वह बड़े हँसमुख और लोकप्रिय हैं। खूब पार्टियाँ देते हैं। अकसर लोग उनसे प्रसन्न हैं। लोग जब उन्हें विजनेस करने को कहते हैं तो वह हँस कर कहते हैं कि बाबा, अब मैं कोई 'बजनेस नहीं करूंगा। बिजनेस ने मुझे बड़ी बड़ी तकलीफें दी हैं। मैं एक जेन्टलमैन हूँ। आजकल बिजनेस का द्वैग बहुन बिगड़ गया है, इसलिए किसी भी जेन्टलमैन को बिजनेस नहीं करना चाहिए । लोगों का ख्याल है कि वह निहायत खरे और बेलाग आदमी हैं।