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पृष्ठ:पुरातत्त्व प्रसंग.djvu/१६७

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मैडेगास्कर-द्वीप के मूल निवासी


स्थान के अनुसार इन लोगों के समुदायों के नाम मिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं। यथा--जंगलों में रहनेवाले जंगली, मैदानों में रहनेवाले मैदानी और झीलों के किनारे रहनेवाले झीलवाले कहाते हैं।

मैडेगास्कर में जो प्रान्त समुद्र-तट से दूर हैं वहीं होवास नाम की एक जाति रहती है। इस जाति के मनुष्य भी इस टापू के मूल-निवासी हैं। यह राज-जाति है। यही जाति समस्त मूल-निवासियो पर शासन करने का गर्व रखती है। वह कहती है, हम राज-वंशी हैं। अतएव शासन का अधिकार हमको छोड़ कर और किसी को नहीं। परन्तु सकालवा लोग इनका शासन नहीं मानना चाहते। वे कहते हैं--हम चुनां दीगरे नेस्त। होवास होते कौन हैं ? उन्हें राजा बनाया किसने ? इस कारण इन दोनों जातियों में सदा झगड़े-बखेड़े हुआ करते हैं। नृवंश-विद्या के ज्ञाताओं का अनुमान है कि होवास लोग मलयवंशी हैं। प्राचीन समय में कुछ जापा-निवासी मैडेगास्कर में जा बसे थे। ये लोग उन्हीं की सन्तति हैं। इनका रंग गोरा, कद नाटा और बदन मोटा होता है। बाल मुलायम और काले होते हैं। दाढ़ी छोटी भोर आँखें लाल लाल होती है। अतएव रूप-रंग भौर शरीर-संगठन में ये लोग सकालवा जाति के आदमियों से नहीं मिलते। फिर भला वे लोग इन गोरों का