सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:प्रबन्ध पुष्पाञ्जलि.djvu/१३०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१२०
प्रबन्ध-पुष्पाञ्जलि

ओर अक्षांश आदि जानने की तरकीब भी प्रकाशित की। आपने लिखा कि इस यन्त्र के द्वारा वैज्ञानिक जाँच करना कोई कठिन काम नहीं, अतएव डाक्टर कुक ने उतरी ध्रुव पर पहुँच कर जरूर ही इस ग्रन्त्र के द्वारा सब बातें जान ली होंगी। क्यों न हो! आपके इस वैज्ञानिक औदार्य का मतलब डाक्टर कुक ही नहीं ओर भी लाखों आदमी समा गये होंगे। खैर आपने यह सब करके पीरा की यात्रा का भी कुछ हार अपने पत्र में छापा है। इस कृपा के लिये कमांडर पीरी ज़रूर ही आपके कृतज्ञ होंगे।

अंगरेजी के प्रसिद्ध मासिक पत्र "रिव्यू आव रिव्यूज़" के सम्पादक स्टीड साहब डाक्टर कुक से मिलने डेनमार्क की राजध नी कोपिन हेगिन गये थे। उनकी राय है कि कुक बड़े सच्चे आदमी है। वे जरूर उत्तरी ध्रुव तक हो आये हैं। सम्भव है पारी भी हो आये हों। पर डाक्टर कुक के बाद पीरी पहुँचे होंगे। स्टीड साहब पीरी को सज्जन नहीं समझते। वे कहते हैं कि पीरी को डाक्टर कुक पर यह अभिशाप न लगाना चाहिए था कि वे इठे हैं। डाक्टर कुक ने पीरी पर ऐसा अभिशाप नहीं लगाया। पीरी ने कप्तान वर्टलेट को अपने साथ ध्रुव तक ले जाने से इनकार कर दिया। लौटते वक्त डाक्टर कुक के यन्त्र और काग़ज़ात भी अपने जहाज पर लाने से उन्होंने इनकार किया। यह उन्होंने भलमंती का काम नहीं किया। इससे उनका