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प्रबन्ध-पुष्पाञ्जलि

भी उस प्रदेश की की गई।

फरवरी में "रूज़वेल्ट" जहाज वहीं पर छोड़ दिया गया। जितने लोग पीरी के साथ थे, ३ टुकड़ियों में बाँट दिये गये। सब के लिए अलग अलग स्लेज गाड़ियाँ तैयार हुई। ये तीनों टुकड़ियाँ १५, २१, और २२ फरवरी को अलग अलग तीन आदमियों की अध्यक्षता में उत्तरी ध्रुव के लिए रवाना हुई। एक के अध्यक्ष हुए कमान बार्टलेट दूसरी के अध्यापक मारटिन, तीररी के कमांडर पीरी। सब मिलाकर इस चढाई में ७ गोरे और ५९ यस्किमो जाति के कर्बिस्तानी आदमी थे। स्लेज गाड़ियों की संख्या २३ थी और कुत्तों की १४०।

कोलम्बिया अन्तरीप में तीनों टुकड़ियाँ एकत्र हुई। कुतों को विश्राम दिया गया। साथ की गाड़ियों की मरम्मत की गई। खाने पीने का सामान फिर से सँभाला गया। २७ फरवरी तक यह सब होता रहा। बार्टलेट साहब आगे बढ़े। वे बहुत दूर तक निकल गये उनके पीछे दूसरी टुकड़ी वालों को बर्फ ने बहुत सताया। ज़ोर की हवा ने बर्फ के टुकड़ों को तोड़ फोड़ डाला।समुद्र खुल गया। उस पर जो बर्फ जमा हुआ था वह बह गया। अब वह पार कैसे किया जाय? दो गाड़ियाँ वहाँ पर टूट गई। फिर आदमी पीछे भेजे गये। वे कोलम्बिया अन्तरीप से दो और गाड़ियों ले गये। चौथे दिन खुले समुद्र को किसी तरह पार करके