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पृष्ठ:प्रबन्ध पुष्पाञ्जलि.djvu/१५६

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प्रबन्ध-पुष्पाञ्जलि

भाग आये हैं। राख बरस रही है। नेपल्स राख के भीतर घुसा जा रहा है। ९ तारीख को खबर आई की रेत की वृष्टि के कारण बाहर निकलना कठिन हो गया है। कीचड़ की भी वर्षा हो रही है। इस से सड़कों पर गाड़ियाँ नहीं चल सकतीं। आज आग के रूप में भूगर्भ की गली हुई चीजों की नदियाँ बहने लगी हैं। उन्होंने अनेक सुन्दर सुन्दर वस्तुओं का समूल नाश कर दिया। विस्यूवियस के पास एक जगह ज़मीन फट गई। उससे आग की तरल धारा, २०० गज़ चौड़ी, बोसकोंटिकेसी नगर की तरफ बही। यह देख कर नगर वासियों ने जीने की आशा छोड़ दी। वे पागल से हो गये और जिस को जो मार्ग मिला उसी से वह भागा। सब लोग भागने न पाये थे कि वह अग्नि सरिता आ पहुँची और शहर के भीतर से हो कर निकल गई। अनन्त हानि हुई। १० अप्रेल को भाफ की वर्षा कुछ कम हो गई; पर ११ को फिर वह प्रबल हो उठी। सरकारी हुक्म से नेपल्स में मकानों की छतें कहीं कहीं उतार दी गई है, जिस में राख के वज़न से वे गिर न जाँय। कई इंच गहरी रेत और राख शहर में सब तरफ बिछ गई है।

विस्यूवियस के शांत होने पर आदमी फिर अपने उजड़े हुए घरों को लौटने लगे। अब तक शायद कितने ही मकान फिर से बन गये हो। किसी किसी विषय में