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विस्यूवियस के विषम स्फोट
मनुष्य के धैर्य और उस की रहन शीलता का विचार कर के आश्चर्य होता है। जिस विस्यूवियस ने अनेक वार प्रलय करके असंख्य धन और जन का नाश किया उसी के पास जा जा कर फिर आदमी बस गये। इस दफे भी वही हो रहा है। उस साल मार्टिनीक और सेंटबिसेंट में जो स्फोट हुआ था उस से कोई ५० हजार आदमो मरे थे। पर वहाँ भी अब पूर्ववत् बस्ती हो गई है। सान फ्रांसिसको भी नये सिरे से बन रहा है और आबाद हो रहा है। इसी तरह कुछ दिनों में विरयूवियस के पास के उजाड़ गाँव और नगर भी फिर पूर्ववत् आबाद हो जायँगे। क्या ही अच्छा हो यदि किसी अच्छे विषय में नाकामयाबी होने पर, आदमी इसी तरह के सहन हालत्व, धीरज, उद्योग और परिश्रम से काम लें।
[ जुलाई १९०६