पृष्ठ:प्रबन्ध पुष्पाञ्जलि.djvu/५

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निवेदन

उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर आज तक अनेक चढ़ाइयाँ हो चुकीं और इस समय भी हो रही हैं। वे प्रदेश कैसे हैं, वहाँ तक जाने में कैसी कैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वहाँ का दृश्य कैसा है और वहाँ आज तक कौन कौन यात्री कहाँ तक पहुँचा है, यह सब इस संग्रह के तीन लेखों में वर्णन किया गया है। उससे यात्रियों के व्यवसाय, श्रमसहिष्णुता, दृढ़प्रतिज्ञा आदि का ज्ञान होने के सिवा ध्रुव प्रदेशों के कौतुकावह दृश्यों और भीषण कष्टों का भी बहुत कुछ वृत्तान्त ज्ञात हो सकता है।